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Rajasthan: जंगल में बंद गाड़ी से टाइगर सफारी… जानें, आइओसीएल ने क्यों दी एलपीजी बॉटलिंग प्लांट की जमीन

जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान और गुजरात के गिर की तरह रणथम्भौर में भी बंद गाड़ी में टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी हो रही है। जल्द ही रणथम्भौर के पर्यटन जोन के अलावा नॉन पर्यटन क्षेत्र में भी सफारी का एक नया विकल्प मिल सकेगा।

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, पत्रिका फोटो

दीनबन्धु वशिष्ठ

Sawaimadhopur: जयपुर के नाहरगढ़ जैविक उद्यान और गुजरात के गिर की तरह रणथम्भौर में भी बंद गाड़ी में टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए वनविभाग ने एक प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है। यदि सब ठीक रहा तो जल्द ही रणथम्भौर के पर्यटन जोन के अलावा नॉन पर्यटन क्षेत्र में भी सफारी का एक नया विकल्प मिल सकेगा। वर्तमान में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में भ्रमण पर आने वाले कई पर्यटकों को टिकट नहीं मिल पाते हैं, क्योंकि यहां प्रति पारी सिर्फ 140 वाहन की अनुमति है। टिकटों की कमी के कारण कालाबाजारी होती है। ऐसे में विभाग नए विकल्प की तैयारी कर रहा है।

94 एकड़ जमीन पर टाइगर सफारी का बनाया प्लान, दे चुके सहमति

रणथम्भौर टाइगर रिजर्व की ओर से एलपीजी बॉटलिंग स्थापित करने के लिए आइओसीएल को 94.33 एकड़ भूमि पट्टे पर दी गई थी, लेकिन टाइगर रिजर्व के पास होने के कारण इस संयंत्र को 2007 में निरस्त कर दिया था। अब वन विभाग इसी भूमि पर बंद गाड़ी में टाइगर सफारी करवाने की तैयारी कर रहा है। इस भूमि के लिए आइओसीएल के महाप्रबंधक भी वन विभाग को सौंपने की सहमति दे चुके हैं।

4.50 करोड़ की आएगी लागत

भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार उक्त जमीन पर टाइगर सफारी पार्क विकसित करने के लिए करीब 4.5 करोड़ की लागत आएगी। इस राशि को राजस्थान टाइगर कनजर्वेशन फाउण्डेशन की ओर से खर्च किया जाएगा। इस जमीन पर तीन मीटर लम्बी और ऊंची सुरक्षा दीवार पहले से ही बनी हुई है।

सफारी का सस्ता विकल्प, मिलेगा रोजगार

वर्तमान में टाइगर रिजर्व की परिधि में रहने वाले कई गांवों को चरागाह से वंचित कर दिया है। उनके अधिकारों और बेरोजगारी के मुद्दों के समाधान के लिए भी यह प्रस्ताव विकसित किया गया है। इससे यहां कम से कम 60 लोगों को सीधे रोजगार दिया जा सकेगा। साथ ही यह सफारी रणथम्भौर टाइगर रिजर्व का एक सस्ता विकल्प होगी।

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