
खण्डार (सवाईमाधोपुर) । नदी एवं जंगल से घिरे खिदरपुर जादौन गांव की राह इन दिनों बरसात में सुगम नहीं है। ऐसे हाल में गांव की प्रसूताओं व पैदा होने वाले नवजातों की जिंदगी भी दाव पर है। ये गांव पहाड़ी पर बसा है। लोग पहाड़ी से उतरकर नीचे बनास नदी तक आते हैं। गांव दो ओर से बनास नदी से धिरा है तो दो तरफ से रणथम्भौर राष्ट्रीय अभयारण्य है। बरसात में बनास नदी ही एक मात्र रास्ता है। दिन हो या रात लोग नदी में नाव डालकर ही मुख्य सड़क तक पहुंच पाते हैं।
अंधेरी रात में पीड़ा, नाव में प्रसव:
बीएलओ जगदीश गुर्जर ने बताया कि खिदरपुर गांव की प्रसूता महिला भारती पत्नी प्रभु बैरवा के मंगलवार देर रात करीब एक बजे अचानक प्रसव पीड़ा हुई । इस पर महिला के पति ने गांव की सरपंच के पति अमरसिंह को इसकी जानकारी दी। इस पर सरपंच पति ने प्रसूता महिला को अपनी गाड़ी में बैठाकर नदी के पास ले गया। अब नाव में ही आगे जाने का रास्ता है, वहां पर रखी नाव में प्रसूता को टार्च की रोशनी कर बैठाया गया। परिजन प्रसूता को नदी पार कराकर अस्पताल ले जा रहे थे। इस बीच नदी के बीच ही प्रसव पीड़ा तेज हुई और नाव में ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया। महिला को कुण्डेरा पीएचसी पर भर्ती करवाया।
खिदरपुर पंचायत बनास नदी से घिरी है। लोगों को बारिश के मौसम में दिक्कतें आती है। बारिश के मौसम में प्रसूताओं को गांव के बाहर अपने रिश्तेदारों के यहां पर रखा जाता है। कई बार बनास नदी पर पुल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मांग की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पंचायत के पांच के गांवों के तीन हजार लोगों की परेशानी कोई नहीं समझ रहा।
रामकन्या, सरपंच, खिदरपुर
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Published on:
11 Aug 2022 09:40 am
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