28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तो क्या डायनासोर से इंसानों तक पहुंची कैंसर की बीमार!, 30 साल पहले मिले जीवाश्म से नई थ्योरी आई सामने

Fossil Of Dinosaur Reveals Secret : कनाडा के अलबर्टा प्रांत के डायनासोर प्रोविसिंयल पार्क में मिले जीवाश्म से हुआ खुलासा पहले वैज्ञानिक डायनासोर के पैर में लगी चोट को फ्रैक्चर मान रहे थे, लेकिन हाल ही में हुए शोध में पता चला कि वो हड्डियों का कैंसर था

2 min read
Google source verification

image

Soma Roy

Aug 06, 2020

dinosaur1.jpg

Fossil Of Dinosaur Reveals Secret

नई दिल्ली। विज्ञान ने भले ही काफी तरक्की कर ली हो, लेकिन कैंसर (Cancer) जैसे घातक रोग को अभी तक लाइलाज ही माना जाता है। क्योंकि आखिरी स्टेज में पहुंचने पर इससे बचकर निकलना आसान नहीं होता है। इंसानों में ये बीमारी कैसे और कब आई इसका अभी तक कोई सटीक प्रमाण नहीं मिला है। मगर हाल ही में एक नए शोध में हुए चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसके मुताबिक कैंसर रोग महज इंसानों में ही नहीं बल्कि डायनासोर (Dinosaur) में भी होते थें। इस बात का खुलासा 30 साल पहले मिले डायनासोर के जीवाश्म से हुआ है।

30 साल पहले मिले जीवाश्म का सच
आज से तीस साल पहले वैज्ञानिकों को जिस डायनासोर (Dinosaur) के जीवाश्म (Fossil) मिले थे। शोधाकर्ता उसकी हड्डी में दिख रहे चोट को फ्रैक्चर (Bone Fracture) समझ रहे थे, लेकिन हकीकत में वह एक कैंसर का ट्यूमर (Tumour) था। कनाडा के अलबर्टा प्रांत के डायनासोर प्रोविसिंयल पार्क में मिले इस जीवाश्म का नाम सेंट्रोसॉरस (Centrosaurus) था। साल 1989 में मिले इस दो सींग वाले डायनासोर का देख वैज्ञानिकों ने कहा था कि इसके पैर में फ्रैक्चर है। बाद में इस पर और रिसर्च की गई तो पता चला कि उस डायनासोर की यह खराबी ऑस्टियोसारकोमा (osteosarcoma) की वजह से थी। यह एक खास तरह का कैंसर होता है जो तेजी से बढ़ने वाली हड्डियों में होता है।

कैसे होते थे सेंट्रोसॉरस डायनासोर
लैसेट ओन्कोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रोसॉरस चार पैरों वाला, 6 मीटर लंबा और पौधों को खाने वाला क्रिटेशियस युग का डायनासोर था। उसकी नाक के आगे लंबा सींग था और इसकी गर्दन के ऊपर भी दो छोटे नुकीले सींग थे। शोधकर्ता डेविड इवान्स का कहना है कि इसके छोटे पैर की हड्डी में एक सेब से भी बड़े आकार की ट्यूमर की गांठ थी।

डायनासोर में कैंसर की कैसे हुई खोज
किसी जीवाश्म में कैंसर पाए जाने का यह अपने आप में बहुत ही दुर्लभ मामला है। अध्ययन के सहलेखक डॉ मार्क क्रोथेल का कहना है कि इस तरह से किसी जानवर में कैंसर का पाया जाना कोई नई बात नहीं है। उन्होंने बताया कि ओस्टियोसारकोमा आमतौर पर तेजी से बढ़ती हड्डियों में होती है और यह बच्चों और युवाओं में पाया जाने वाला रोग होता है। शोधकर्ताओं ने इस ट्यूमर की पुष्टि हाई रेजोल्यूशन वाले सीटी स्कैन और ट्यूमर के महीन हिस्सों को माइक्रोस्कोप से जांच के जरिए पाया। डायनासोर में इस तरह कैंसर के प्रमाण मिलने से इंसानों में इसकी शुरुआत को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे में कई वैज्ञानिक दोनों के तार को जोड़ने और इनके बीच के संबंध को सुलझाने में लगे हुए हैं।