
उद्योग व सेवाओं के पैटर्न को एआइ तेजी से बदल रहा है। एआइ तकनीक में निरंतर विकास के साथ विश्व भर की स्वास्थ्य सुविधाओं में भी अभूतपूर्व परिवर्तन देखे गए हैं। बीमारियों का निदान करने से लेकर नई दवाओं की खोज तक, यह हमारे स्वास्थ्य दृष्टिकोण को क्रांतिकारी रूप से बदलने के लिए तैयार है। भारत जैसे देश में, जहां विशाल जनसंख्या और विविध स्वास्थ्य चुनौतियां हैं, इस क्षेत्र में एआइ के मायने आसानी से समझे जा सकते हैं।
वैश्विक स्तर पर एआइ महत्त्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। अमरीका में आइबीएम का वॉटसन कैंसर के इलाज में उम्मीद दिखा रहा है, जो बड़े डेटा सेट के आधार पर थेरेपी सुझाता है। यूके में डीपमाइंड के अल्फा फोल्ड ने लगभग हर ज्ञात प्रोटीन की संरचना की भविष्यवाणी की है, जो ड्रग डिस्कवरी के लिए एक बड़ी सफलता है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी टेक कंपनियां एआइ अनुसंधान में अरबों का निवेश कर रही हैं। स्टार्टअप्स उभर रहे हैं। भारत भी इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सिगटुपल और क्योर.एआइ जैसे स्टार्टअप्स एआइ-पावर्ड मेडिकल इमेज विश्लेषण कर रहे हैं। दूसरी ओर भारत की बड़ी आबादी एआइ के लिए स्वास्थ्य डेटा प्रदान कर सकती है, जो एआइ प्रशिक्षण के लिए उपयोगी होगा ।
एआइ स्वास्थ्य रिकॉर्ड का प्रबंधन और विश्लेषण कर डॉक्टरों को बेहतर निर्णय लेने में मदद कर सकता है। अध्ययन में पाया गया कि 70 प्रतिशत तक मरीज इंसुलिन को निर्धारित तरीके से नहीं लेते हैं। मरीज के दवा सेवन करने में त्रुटियों की पहचान करने में एआइ मदद कर सकता है।
अध्ययन में पाया गया कि 64 प्रतिशत मरीज एआइ नर्सों से सहज महसूस करते हैं। एआइ वर्चुअल नर्स असिस्टेंट्स, एआइ संचालित चैटबॉट्स, ऐप्स, अन्य इंटरफेस होते हैं, जो दवाओं के बारे में प्रश्नों का उत्तर देने, डॉक्टर को रिपोर्ट भेजने और मरीजों की चिकित्सक के साथ अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने में मदद कर सकते हैं।
एआइ ड्रग डिस्कवरी प्रक्रिया को तेज कर सकता है, नए यौगिकों की पहचान कर सकता है और संभावित दवाओं का विकास कर सकता है। गूगल हैल्थ का एआइ मॉडल हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य जोखिम का सटीक अनुमान लगा रहा है। हवाई विश्वविद्यालय के शोध टीम ने पाया कि डीप लर्निंग एआइ तकनीक के उपयोग से ब्रेस्ट कैंसर जोखिम की भविष्यवाणी में सुधार हो सकता है।
एआइ संचालित टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार कर सकते हैं। भारत में प्रेक्टो व 1एमजी जैसे टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार कर रही हैं।
एआइ संचालित रोबोट इन सहायक कार्यों के साथ सर्जरी को अधिक सटीक और सुरक्षित बना सकते हैं। कई देशों में सर्जरी के लिए इसका उपयोग एडवांस तकनीक के साथ किया जा रहा है।
एआइ एल्गोरिदम, मेडिकल डेटा का विश्लेषण कर सटीक निदान कर सकते हैं। हार्वर्ड स्कू ल ऑफ पब्लिक हैल्थ के अनुसार उपचार लागत 50 फीसदी व हैल्थ रिजल्ट में 40 फीसदी सुधार हो सकता है।
Updated on:
30 Jul 2024 11:19 am
Published on:
30 Jul 2024 11:15 am
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