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अगर आपका बच्चा किसी भी संक्रमण से नहीं है ग्रसित तो उसे हो सकता है कैंसर, पढ़े ये शोध

बचपन में कीटाणओं के संपर्क में आने से नहीं होता ल्यूकेमिया नामक कैंसर पहले साल संक्रमण के संपर्क में आने से बढ़ती है बच्चे की रोग प्रतिरक्षा झमता

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नई दिल्ली। माता-पिता अपने बच्चों को कीटाणुओं और बीमारी से बचाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं। लेकिन एक अध्यन के मुताबिक, जो बच्चे बचपन में कीटाणओं के संपर्क में नहीं आते आगे चल कर वे ल्यूकेमिया नामक कैंसर से ग्रस्त हो जाते हैं।

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अध्ययन के मुताबिक, जब बच्चा अपने पहले साल में संक्रमण के संपर्क में आ जाता है तो उसकी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो जाती है। नेचर रिव्यू कैंसर पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया नामक बीमारी जो बचपन के कैंसर का सबसे आम प्रकार है। दो तरह की प्रक्रिया वजह से होती है।

पहली प्रक्रिया के तहत जन्म से पहले बच्चे में ल्यूकेमिया होने का खतरा आनुवांशिक उत्परिवर्तन की वजह से बना रहता है। वहीं, दूसरी प्रकिया के तहत यह बीमारी बच्चे के जन्म के बाद कुछ संक्रमणों के आने के बाद होती है। अगर बच्चा जन्म के शुरुआती दिनों में किसी संक्रमण के संपर्क में आज जता है तो यह खतरा आगे चलकर कम होता है।

सरल भाषा में बोले तो शोधकर्ताओं के मुताबिक, जो बच्चे अपने पहले वर्षों के दौरान बहुत साफ-सुथरे, कीटाणु रहित स्थिति में रहते हैं और अन्य बच्चों के साथ कम बातचीत करते हैं। उनमें लिम्फोब्लासटिक ल्यूकेमिया होने का खतरा होता है। यह बीमारी उनमें रक्त कैंसर के रूप में होती है। इन बच्चों की उम्र 0 से 4 साल होती है।

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बता दें कि यह बीमारी कुछ दिनों में या हफ्तों में जल्दी से विकसित होती है। यह शरीर के रक्त में बनती है और अन्य हिस्सों में फैल जाती है। जिसमें लिम्फ नोड्स, यकृत और तंत्रिका तंत्र शामिल है। प्रोफेसर मेल ग्रीव्स के अध्यन के मुताबिक इस कैंसर का एक स्पष्ट जैविक कारण है बच्चों में होने वाला संक्रमण। अध्यन के मुताबिक जिन बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से विकसित नहीं होती, उनमें यह बीमारी जल्दी होती है।