
‘बिटक्वाइन’ से होता कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन, जानें कैसे
नई दिल्ली। डिजिटल digital की दुनिया का मशहूर ‘बिटक्वाइन’ से हर साल कार्बन डाई ऑक्साइड CO2 का उत्सर्जन होता है़। ये उत्सर्जन 22 मेगाटन का होता है जो काफी बड़े पेमाने पर होता है। बता दें, कि लास वेगास और वियना जैसे शहरों का कुल कार्बन डाई ऑक्साइड डिजिटल मुद्रा के ‘बिटक्वाइन’ के उत्सर्जन के बराबर है। अध्ययन के अनुसार-जर्मनी germani में टेक्निकल यूनिवर्सिटीuniversity ऑफ म्यूनिख (टीयूएम) से अनुसंधानकर्ताओं ने बिटक्वाइन प्रणाली के कार्बन फुटप्रिंट की अब तक की सबसे बड़ी गणना की है।
दरअसल, इसकी पहेली को सुलझाने के लिए वैश्विक बिटक्वाइन नेटवर्क (network) में बिटक्वाइन के हस्तांतरण और उसके वैध बनने के प्रोसेस में किसी भी कम्प्यूटर (computer) से एक गणितीय को हल करना जरूरी होता है। हालांकि, इस नेटवर्क में कोई भी शामिल हो सकता है और पहेली सुलझाने वाले को बदले में इनाम स्वरूप बिटक्वाइन मिलता है। इस पूरी प्रक्रिया में जिस गणन क्षमता का इस्तेमाल होता है उसे ‘बिटक्वाइन माइनिंग’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें हाल के वर्ष में तेजी से इजाफा हुआ है। आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ 2018 में ही इसमें चार गुना इजाफा हुआ है।
इसका नतीजा ये निकला है कि बिटक्वाइन की होड़ ने ये सवाल भी पैदा किया है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी जलवायु पर अतिरिक्त बोझ तो नहीं डाल रही? कई अध्ययनों में बिटक्वाइन माइनिंग से होने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन का पता लगाने का प्रयास किया गया है, लेकिन टीयूएम और मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अनुसंधानों को करने वाले क्रिश्चियन स्टोल के अनुसार- ‘‘हालांकि ये अध्ययन अनुमानों पर आधारित हैं।’’ अनुसंधानकर्ताओं ने इसके लिये इंटरनेट के माध्यम से सर्च इंजनों का इस्तेमाल कर बिटक्वाइन माइनर के आईपी एड्रेस का पता लगाया और फिर इससे प्राप्त नतीजों से निष्कर्षों की दोबारा जांच की।
अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, बिटक्वाइन प्रणाली में प्रतिवर्ष कार्बन फुटप्रिंट 22 और 22.9 मेगाटन होता है जो हैमबर्ग, वियना या लास वेगास जैसे शहरों के फुटप्रिंट के बराबर है।
Updated on:
18 Jun 2019 01:27 pm
Published on:
18 Jun 2019 01:14 pm
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