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गूगल का 3D वीडियो चैट पोर्टल, साइंस फिल्मों की तकनीक बनी हकीकत

गूगल का 'स्टारलाइन' प्रोजेक्ट जल्द देगा 3D वीडियो चैट की सुविधा, वर्तमान में यह सुविधा गूगल के कुछ चुनिंदा ऑफिस में ही शुरू की गई है

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जयपुर

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Mohmad Imran

May 23, 2021

गूगल (google) की ओर से इस सप्ताह आयोजित होने वाले गूगल आई/ओ 2021 (the Google I/O 2021 developer event) डवलपर ईवेंट का सबसे खास आकर्षण होगा इसका 3D वीडियो चैट पोर्टल। वीडियो कॉल, जूम कॉल के बाद ज्यादातर लोग 5G के साथ ही होलोग्राफिक वीडियो (holographic video call) कॉल की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन गूगल ने 3D कॉन्फ्रेंसिंग ऐप (वीडियो कॉल) के जरिए सभी चौंका दिया है। इतना ही नहीं, यह ऐप वर्तमान में गूगल के कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेट ऑफिस में अधिकारियों द्वारा उपयोग भी की जा रही है। यानी हम उम्मीद कर सकते हैं आने वाले कुछ महीनों या सालों में यह तकनीक वीडियो कॉल की ही तरह हमें भी उपलब्ध होगी। गूगल ने इस प्रोजेक्ट को 'स्टारलाइन' नाम दिया है। इस सॉफ्टवेयर का उद्देश्य वीडियो कॉलिंग को अधिक प्रभावशाली बनाना है। ताकि बात करने वाले को यह महसूस हो कि जिससे वह बात कर रहा है वर्ह उसके सामने ही बैठा हुआ है।

कोरोना महमारी ने बनाया अभ्यस्त
अपने एक ब्लॉग में गूगल के क्ले बावर ने लिखा, 'महमारी के दौर में हम सभी वीडियो कॉलिंग, मीटिंग और शिक्षण प्रणाली के अभ्यस्त हो गए हैं। प्रोजेक्ट स्टारलाइन आमने सामने के संचार में आए इसी गैप को भरना चाहता है। गूगल के इंजीनियर बीते कई वर्षों से इस प्रणाली पर काम कर रहे हैं। इस ऐप का उपयोग कर हम न केवल आमने-सामने की बातचीत का लुत्फ उठा सकते हैं बल्कि सामने बैठे व्यक्ति की आंखों में देखते हुए स्वाभाविक रूप से बात कर सकते हैं।'

क्या है 3D वीडियो चैटिंग पोर्टल
स्टारलाइन प्रोजेक्ट तीन प्रमुख तकनीकों का मिश्रण है। इसमें एक छोर पर 3D मॉडल को कैप्चर करने वाला उपकरण, बीच में वीडियो डाटा को रियल टाइम में दूसरे छोर तक प्रसारित करने वाली तकनीक और दूसरे छोर पर व्यक्ति के 3D मॉडल का प्रतिबिंब होता है। तकनीक के काम करने के बारे में गूगल ने अभी ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन गूगल की ओर से जारी एक वीडियो में कैमरों और सेंसर्स की महत्त्वपूर्ण भूमिका नजर आती है। इन कैमरों और सेंसर्स को एक बड़े डिस्प्ले बूथ के अंदर सेट किया गया है।

कैसे काम करती है तकनीक
गूगल इस साल के आखिर में प्रोजेक्ट स्टारलाइन के लिए एक डेमो की योजना तैयार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले लॉरेन गोडे के अनुसार, 3D वीडियो चैटिंग पोर्टल उसी लाइट फील्ड डिस्प्ले तकनीक के जरिए काम करता है जिसका इस्तेमाल ऑग्मेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी (AR/VR) में करते हैं। इसमें सामने वाले व्यक्ति की ऊंचाई (Depth), आकार (Volume) और परछाईं (Shadow) को आसानी से कैप्चर और प्रसारित किया जा सकता है। गूगल का यह भी कहना है कि यह तकनीक व्यवहारिक रूप से इस्तेमाल होने तक और सस्ती एवं अधिक कॉम्पैक्ट हो जाएगी।