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मंगलयान ने भेजी मंगल की नई तस्वीरें

इस तस्वीर में मंगल ग्रह के प्रमुख ज्वालामुखी स्पष्ट देखे जा सकते हैं।

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Jameel Ahmed Khan

Oct 13, 2017

Mars

Mars Planet

बेंगलूरु! मंगल ग्रह पर भेजे गए भारतीय अंतरिक्षयान के उपकरण मार्स कलर कैमरा (एमसीसी) ने मंगल की एक नई तस्वीर भेजी है। इस तस्वीर में मंगल ग्रह के प्रमुख ज्वालामुखी स्पष्ट देखे जा सकते हैं। ब्लैक आउट से निकलने के बाद मंगलयान ने 8 अक्टूबर 2017 को 70 हजार 157 किमी की ऊंचाई से यह तस्वीर ली है। इसमें मंगल ग्रह पर मौजूद सबसे बड़ी ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स तथा उसके सामने तीन अन्य ज्वालामुखी आर्सिया मॉन्स, पैवनिस मॉन्स और एस्क्रेयस मॉन्स नजर आ रहे हैं। ओलंपस मॉन्स सौरमंडल की सबसे बड़ी ज्वालामुखी है और इसकी ऊंचाई माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से लगभग तीन गुणा अधिक है।

वहीं अर्सिया मॉन्स तीन ज्वालामुखियों में से सबसे सुदूर दक्षिणी है और मंगल ग्रह के भूमध्य रेखा के नजदीक थर्सिस उठान पर स्थित है। आर्सिया के उत्तर में पैवनिस मॉन्स है और उसके आगे उत्तर में एस्क्रेयस मॉन्स है। तीनों ओलंपस मॉन्स के सामने नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर के हर पिक्सल का रिजोल्यूशन 3.5 किमी है।

गौरतलब है कि मंगलयान ने पिछले 24 सितम्बर को ही मंगल ग्रह की कक्षा में तीन साल पूरे किए हैं। श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मंगलयान का प्रक्षेपण 5 नवम्बर 2013 को किया गया और यह 24 सितम्बर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश किया। यह मिशन अभी भी सक्रिय है।


नासा के मंगल ओडिसी ने फोबोस की पहली तस्वीर ली
वॉशिंगटन। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान मार्स ओडिसी ने 16 सालों तक मंगल ग्रह का चक्कर लगाने के बाद पहली बार मंगल के चंद्रमा फोबोस की तस्वीरें कैमरे में कैद की है। 2001 में लॉन्च किए गए मार्स ओडिसी के द थर्मल एमिशन इमेजिंग सिस्टम (टीएचईएमआईएस) नामक कैमरे ने 29 सिंतबर को फोबोस की तस्वीरें लीं।

फोबोस अंडाकार आकृति का है और इसका औसत व्यास करीब 22 किलोमीटर है। अन्य मंगल यान ने इससे पहले फोबोस की हाई-रिजोल्यूशन वाली तस्वीरें ली थीं, लेकिन वैज्ञानिकों को इंफ्रारेड संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली।

नासा ने एक बयान में कहा है कि थर्मल-इंफ्रारेड तरंगों के कई बैंडों ने सतह की खनिज संरचना और बनावट की जानकारी जुटाई है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी से टीएचईएमआईएस मिशन के योजनाकार जोनाथन हिल ने कहा, टीएचईएमआईएस हालांकि पिछले 16 सालों से मंगल पर है, लेकिन पहली बार हम फोबोस को देखने के लिए अंतरिक्ष यान को मोडऩे में सक्षम हुए हैं।