जीवाश्म ईंधनों को जलाने से ऊर्जा मिलती है, पर इनकी मात्रा सीमित है व भविष्य में समाप्त हो जाएंगी। यह भी एक तथ्य है कि इन ईंधनों के जलने से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस निकलती है, जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। लिहाजा वैज्ञानिक इस कोशिश में लगे हैं कि कार्बन डाईऑक्साइड को फिर से ईंधन में तब्दील कर दिया जाए, ताकि ईंधन की कमी न हो और वायुमंडल में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा भी न बढ़े।