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वैज्ञानिकों ने खोजे नेपच्यून और यूरेनस के तीन नए चंद्रमा, एक का व्यास महज 8 किलोमीटर

छोटे बाहरी चंद्रमा को सूर्च के सबसे दूर बर्फीले ग्रह नेपच्यून के चारों और चक्कर पूरा करने में 27 साल लगते हैं। तीनों चंद्रमाओं की कक्षा अंडाकार हैं।

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वैज्ञानिकों ने खोजे नेपच्यून और यूरेनस के तीन नए चंद्रमा, एक का व्यास महज 8 किलोमीटर

तीनों चंद्रमाओं की कक्षा अंडाकार हैं।

वाशिंगटन. वैज्ञानिकों ने तीन ऐसे चंद्रमा खोजे हैं, जो अब तक अज्ञात थे। इनमें दो चंद्रमा नेपच्यून और एक यूरेनस के चक्कर लगा रहा है। चिली और हवाई की दूरबीनों से इन्हें देखा गया है। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ (आइएयू) के लघु ग्रह केंद्र ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। इसके साथ नेपच्यून के चक्कर लगा रहे चंद्रमा की ज्ञात संख्या 16 और यूरेनस के चक्कर लगा रहे चंद्रमा की संख्या 28 हो गई है। इस खोज के सहयोगी वाशिंगटन स्थित कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के खगोलशास्त्री स्कॉट शेपर्ड ने बताया कि नेपच्यून के नए चंद्रमाओं में से एक कक्षा सबसे लंबी है। छोटे बाहरी चंद्रमा को सूर्च के सबसे दूर बर्फीले ग्रह नेपच्यून के चारों और चक्कर पूरा करने में 27 साल लगते हैं। तीनों चंद्रमाओं की कक्षा अंडाकार हैं। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि यह चंद्रमा इन ग्रहों के करीब पैदा नहीं हुए, लेकिन बाद में गुरुत्वाकर्षण ने उन्हें पकड़ लिया था।

680 दिन में परिक्रमा
यूरेनस की परिक्रमा करने वाला नया चंद्रमा संभवत: अब तक का सबसे छोटा है, इसका व्यास महज आठ किलोमीटर है। यह 680 दिन में परिक्रमा पूरी करता है। इसको एस/2023 यू1 नाम दिया गया है। यह पिछले वर्ष नवंबर में खोजा गया था। नेपच्यून के दो नए चंद्रमाओं में सबसे चमकीले को एस/2021एन1 नाम दिया गया है। यह 2021 में खोजा गया था, लेकिन इन पर अध्ययन का निष्कर्ष अब सामने आया है।