
जलाशय दो.... या इच्छा मृत्यु, दो दर्जन किसानों ने इच्छामृत्यु के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
सीहोर/जावर। जलाशय निर्माण की स्वीकृति को लेकर संघर्ष करने के बाद मिली मायूसी से दो दर्जन गांव के किसानों का आक्रोश भड़क गया है। किसानों ने बड़ा कदम उठाकर देश के प्रधानमंत्री के नाम डेम (जलाशय) स्वीकृत करने या इच्छा मृत्यु की अनुमति देने पत्र लिखने में जुटे गए हुए हैं। अभी तक तीन हजार पत्र लिखे जा चुके हैं। अभी पत्र लिखने का काम तीन दिन और चलेगा। एक जून को यह काम पूरा होने के बाद पत्र को स्पीड पोस्ट से पीएम के पास भेजा जाएगा। ऐसा पहली बार हुआ है जब सैकड़ों किसान एक ही मांग को लेकर लामबंद हुए हैं।
आष्टा-जावर ब्लॉक के 24 गांव के किसान पिछले करीब दो दशक से पानी की समस्या से निपटने कान्याखेड़ी में जलाशय बनाने की मांग कर रहे हैं। कई बार मुख्यमंत्री, प्रभारी मंत्री और अफसरों को मौखिक, लिखित रूप से अवगत दर्ज करा चुके हैं, लेकिन मांग पूरी होने के जगह महज आश्वासन का झुनझुना ही हाथ लगा है। किसान तालाब की आस में पानी के संकट से जूझ रहे हैं। किसानों का कहना है कि सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से फसलों की पैदावार घट गई है। किसानों को खून के आंसू बहाने पड़ रहे हैं।
२४ लाख की बन चुकी परियोजना, सर्वे भी हुआ, लेकिन काम नहीं
किसानों की माने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के कार्यकाल में जलाशय स्वीकृति के बाद २४ लाख की परियोजना बनाई थी। इसमें सर्वे हुआ था, उनके पद से हटते इसे नजर अंदाज कर दिया। जीवन सिंह, दशहरा सिंह उस्ताद ने बताया कि जलाशय को लेकर पिछले दिनों धरना दिया था। इसके बाद हाजीपुर से पदयात्रा कर भोपाल सीएम हाउस जाने की रणनीति तैयार की थी। इससे पहले जिले के प्रभारी मंत्री रामपाल सिंह और प्रशासन पहुंच गया था। उन्होंने एक महीने के अंदर कान्याखेड़ी जलाशय स्वीकृत कर काम चालू करने की बात कही थी। दो महीने बीतने के बाद भी कुछ नहीं हो सका है। बता दे कि इस काम में किसानों के साथ गांव के महिला-पुरूष भी साथ आ गए हैं।
इन गांवों के किसानों ने मांगी इच्छा मृत्यु
कल्याणपुरा, कान्याखेड़ी, बैजनाथ, खामखेड़ा, नेमजाखेड़ी, बडोदिया, अवंतीपुर, पलासी, दिगलाखेड़ी, मुरावर, देवनखेड़ी, मूंडला, करमनखेड़ी, कुरावर, हाजीपुर, गउखेडी, हरनावदा, भंवरी, अरनिया आदि गांव के किसान, आमजन ने इच्छा मृत्यु मांग कर रहे हैं।
यह लिखा है पत्र में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भारत शासन नई दिल्ली। विषय कान्याखेड़ी जलाशय स्वीकृति या किसानों को इच्छा मृत्यु की अनुमति देने के संबंध में। हमारे गांव में सिंचाई एवं पेयजल की भीषण समस्या है। हम लोग पिछले २० वर्षो से कान्याखेड़ी जलाशय की मांग करते आ रहे हैं। बावजूद जलाशय आज तक स्वीकृत नहीं किया है। इस कारण अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहे हैं। पानी का स्त्रोत बढ़ाने में पानी की तरह पैसा बहा चुके हैं। इस वजह से हमारा परिवार कर्ज में डूब गया और हताश हो चुके हैं।
तीन हजार लिखे जा चुके पत्र, तीन दिन और लिखेंगे पत्र
हाजीपुर के किसान नारायण सिंह ठाकुर की माने तो अभी तक सभी दो दर्जन गांव के लोगों ने तीन हजार से अधिक पत्र पीएम के नाम इच्छामृत्यु के लिखे जा चुके हैं। इच्छा मृत्यु के लिए किसानों का पत्र लिखने का काम अभी तीन दिन ओर चलेगा। इसके बाद एक जून सभी पत्रों को पीएम के नाम पोस्ट कर दिया जाएगा।
इस मामले में कलेक्टर साहब से चर्चा की जा रही ळै। उच्च स्तर पर भी वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। जलाशय को लेकर जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे। उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महेश अग्रवाल, तहसीलदार जावर
Published on:
28 May 2018 04:51 pm
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