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VIT सीहोर में दूषित पानी से हड़कंप, छात्रों के समर्थन में मंत्री जी, लापरवाही के बाद रडार पर कॉलेज

VIT सीहोर में दूषित पानी से हड़कंप, छात्रों के समर्थन में मंत्री जी, गंभीर लापरवाही के आरोप के बीच प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी..

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VIT Sehore College Update

VIT Sehore College Update(फोटो: X)

VIT Sehore Update: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में वीआइटी छात्रों का गुस्सा अब सीधा विधानसभा तक पहुंचा और वहां मंत्री जी छात्रों के समर्थन में नजर आए। परिसर में दूषित पानी से पीलिया फैलने की आशंका के बीच हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया था इस पर उनके खिलाफ कॉलेज प्रशासन ने FIR दर्ज कराई थी। इस बीच उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी छात्र का भविष्य खराब नहीं होगा। किसी भी छात्र के भविष्य को नुकसान नहीं होगा।

मंत्री परमार ने विधान सभा में स्वीकार किया कि 18 में से 4 वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन प्वॉइंट दूषित पाए गए। कॉलेज प्रशासन की प्रणाली मानवीय दृष्टिकोण से सही नहीं है। प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।

यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 25 नवंबर की रात करीब 4 हजार से ज्यादा छात्र कैंपस में बेकाबू हो उठे। छात्र लगातार खराब पानी और बढ़ते पीलिया मामलों पर कार्रवाई न किए जाने पर नाराज थे।

जांच रिपोर्ट में खुलासा

आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज प्रशासन ने पीलिया फैलने की जानकारी को दबाने के प्रयास किए। डॉक्टर्स की चेतावनी और छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया।

अब सरकार के रडार पर मामला

यह मामला अब सरकार के रडार पर है। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने यह भी साफ किया कि कॉलेज ने छात्रों की सेहत के साथ भारी लापरवाही बरती है।

26 नवंबर को लिए थे पानी के सैंपल

26 नवंबर को, पीने के पानी और खाने-पीने की चीज़ों के नए सैंपल लिए गए। मंत्री ने बताया, 'पीने के पानी के सैंपल की टेस्टिंग करने पर, 18 में से चार डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट खराब पाए गए। VIT यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को सभी डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट पर बैक्टीरियल कंटैमिनेशन को खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिए गए। पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के असिस्टेंट इंजीनियर को सभी पानी के डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट से नए सैंपल इकट्ठा करने और नई टेस्ट रिपोर्ट जमा करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

मामले में कॉलेज प्रशासन अलाप रहा अलग ही राग

कॉलेज के रिकॉर्ड के मुताबिक, 23 मेल स्टूडेंट्स और 13 फीमेल स्टूडेंट्स में जॉन्डिस के लक्षण पाए गए। कॉलेज ने पहले इस बात से इनकार किया था कि उसके पानी के सैंपल खराब थे। VIT सीहोर से मिली जानकारी के मुताबिक 'ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सैंपल हॉस्टल-1 से लिए गए थे, जिसमें जॉन्डिस का एक भी मामला सामने नहीं आया। दूसरी बात, ये सैंपल इस्तेमाल की हुई मिनरल वॉटर की बोतलों में लिए गए थे, शायद इसी वजह से वे पॉजिटिव आए हैं।'