
पैसा कमाने का बेहतर सोर्स बन रही मूंग, जानिये कैसे मिल रहा लाभ
सीहोर/शाहगंज. जिले में ग्रीष्म कालीन (गर्मी) सीजन में किसानों का हरा मूंग फसल की तरफ तेजी से रुझान बड़ा है। यह फसल उनके लिए अतिरिक्त आय का जरिया बनने के साथ आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार बनी है। यही वजह है कि चार साल में मूंग फसल का रकबा 36 हजार हेक्टेयर बढ़कर 75 हजार हेक्टेयर हो गया है।
दो गुना हुआ मूंग का रकबा
किसान इस समय मूंग फसल की बोवनी करने में जुटे हैं, जिससे 15 अप्रेल तक शत प्रतिशत बोवनी होने का अनुमान है। कृषि विभाग के अनुसार साल 2019 में सीहोर जिले में मूंग का रकबा 39 हजार हेक्टेयर था, जो इस साल बढ़कर 75 हजार हेक्टेयर हो गया है। नर्मदा क्षेत्र के बुदनी, नसरुल्लागंज, रेहटी में सबसे अधिक करीब 65 हजार रकबा है, जबकि शेष 10 हजार रकबा अन्य जगह का है। किसानों ने रबी फसल की कटाई कर खेत खाली होते ही 15 मार्च से मूंग की बोवनी शुरू कर दी थी। अब तक 12 हजार हेक्टेयर में बोवनी कार्य हो गया है।
65 दिन में हो जाता है तैयार
कृषि विभाग के अनुसार जिन किसानों के पास गर्मी के मौसम में पर्याप्त पानी के इंतजाम है वह खरीफ और रबी के साथ तीसरी फसल में मूंग की पैदावार ले सकता है। यह फसल बोवनी बाद 60 से 65 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसका अधिकतम उत्पादन 15 क्विंटल तक होता है। मूंग को मंडियों में बेचने पर भाव भी अच्छे मिलते हैं। पिछले साल सरकार ने समर्थन मूल्य केंद्रों पर ही 7 हजार 196 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से मूंग उपज को खरीदा था। जिस तरह इस समय तेजी से किसान बोवनी में जुटे हैं, उससे 15 अप्रेल तक लक्ष्य के हिसाब से बोवनी पूरी हो जाएगी। कि सान कई वैरायटी के मूंग की बोवनी कर रहे हैं।
एक एकड़ में 10 हजार रुपए का खर्च
कृषि विभाग के एडीडीए आरएस जाट बताते हैं कि मूंग की खेती बहुत कम समय की रहती है। वहीं, दूसरा कोई किसान मूंग की खेती करता है तो महज पर एकड़ 10 हजार रुपए का मात्र खर्चा आता है। बोवनी के समय ही 8 से 12 किलो बीज में काम हो जाता है। बोवनी बाद कीटनाशक दवा आदि का छिड़काव और तीन से चार बार सिंचाई करना पड़ती है। यह फसल बहुत कम खर्च में किसानों को अच्छा फायदा देती है।
एमएसपी रेट 7275 रुपए निर्धारित
सरकार ने इस बार मूंग का एमएसपी रेट 7275 रुपए निर्धारित किया है। हालांकि इस साल समर्थन केंद्र पर मूंग खरीदी को लेकर कोई दिशा निर्देश, आदेश नहीं आया है, लेकिन कृषि उपज मंडियों में भी मूंग अ'छे भाव में बिक रहा है। अभी मंडियों में मूंग की आवक कम हो रही है, लेकिन जून महीने में उपज आने के बाद तेजी से बढ़ेगी। सीहोर, आष्टा और इछावर विकासखंड में भी पिछले साल से किसान मूंग की खेती करने लगे हैं।
एक तो कम समय वाली फसल है और दूसरा भाव भी अच्छा मिलता है। इस कारण से ही किसानों का रुझान मूंग फसल की तरफ बढ़ा है। इस बार ही मूंग का एमएसपी रेट 7275 रुपए निर्धारित हुआ है। ऐसे में यह फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है।
आरएस जाट, एडीडीए कृषि विभाग सीहोर
Published on:
28 Mar 2022 10:36 am
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