
सांप,
अनिल मालवीय की रिपोर्ट....
सीहोर. जहरीले जीवे जंतु (सांप, बिच्छू, गोयरा) को देखने पर हर किसी की रूह कांप उठती है। यदि वह पास आ जाएं तो क्या हाल बनेंगे अंदाजा लगा सकते हैं। एक शख्स ऐसा है जो इनका जहर गन्ने की तरह चूसता है। सांप, गोयरे का जहर चूसने के बावजूद उसे कुछ नहीं होता है।
सीहोर जिले के आष्टा ब्लॉक के गांव मैना निवासी 45 वर्षीय कैलाश बागवान उर्फ पप्पू का जिस तरह का काम है, उसे देख हर कोई हैरान है। कक्षा 8वीं तक पढ़े कैलाश को बचपने से जहरीले जीव जंतुओं से ऐसा लगाव हुआ कि अब तक नहीं छूट पाया। बड़ी बात यह है कि जहरीले सांप को देखने पर आमजन के पैरों तले की जमीन खिसक जाती, लेकिन कैलाश को यह काट ले तो कुछ नहीं होता है। कैलाश की माने तो उसके पास कोई सांप काटने वाला आता है तो उसका जहर चूसकर बाहर निकाल देता है और जख्म पर दवाई आदि लगा देता है। जिससे कि मरीज जल्द ठीक हो सकें। उसने बताया कि करीब 20 साल के अंदर ऐसे ही जहरीले जीव जंतुओं के काटने वाले एक हजार लोगों की जान बचा चुका है। दूसरी जगह भी सूचना मिलती है तो वहां भी जाता है। किसी के घर में सांप पहुंच जाएं तो आसानी से उसे पकड़कर जंगल में छोड़ देता है।
क्या है कैलाश की कहानी
कैलाश ने कहा कि 8 वर्ष की उम्र में उसे एक महात्मा ने आर्शीवाद दिया था। यह आर्शीवाद उस समय दिया था जब जंगल में भैंस चरा रहा था। भैंस चराते समय तालाब की पाल पर बैठा था, उसी समय एक सांप को मारने दो लोग उसके पीछे लगे थे। सर्प भागता हुआ उसके पास आया तो रूमाल से छिपा दिया था। इतने में यह व्यक्ति निकल गए थे। उसने जैसे ही रूमाल उठाया तो यह सांप साधु के रूप में प्रकट हुए थे। साधु ने कहा था कि आज से जिस व्यक्ति को भी सर्प, जहरीला जानवर सताएगा या काटेगा तो स्पर्शभर से ठीक हो जाएगा।
एक्सपर्ट की भी जाने राय...
कैलाश को सांप के काटने और उसका जहर पीने के बावजूद कुछ नहीं होने को लेकर पत्रिका ने एक्सपर्ट डॉक्टरों से भी बात की। एक्सपर्ट ने बताया कि सांप के काटने के बाद जहर तब ही असर करता है, जब वह खून से टच होता है। यदि खून से टच नहीं हुआ तो ज्यादा असर नहीं करता है। कई लोगों में सांप को लेकर डर भी बना रहता है, फिर भी लोगों को इनसे दूर ही रहना चाहिए। आष्टा बीएमओ और विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीर गुप्ता की माने तो 95 प्रतिशत सांप जहरीले नहीं होते हैं। जहां तक इनके काटने के बाद किसी की मौत की बात है तो कई बार डर के कारण भी ऐसा हो जाता है। सांप के काटने के समय ही यह असर करता है, उसके बाद यह कम हो जाता है। हालांकि लोगों को सावधानी बरतना जरूरी है।
Published on:
30 May 2022 03:45 pm
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