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Farmer: अन्नदाताओं की समस्या को लेकर सडक़ पर उतरी कांग्रेस, कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की मांग पर अड़े

फोन पर बात करने के बाद एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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सिवनी. जिले में किसानों को हो रही समस्याओं को लेकर बुधवार को जिला कांग्रेस आंदोलन किया। कचहरी चौक पर आयोजित सभा में सरकार पर हल्ला बोला। कहा कि सरकार वादा खिलाफी कर रही है। किसानों को किए गए वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में अन्नदाता परेशान हैं। किसानों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार किसान के हितों को ध्यान में नहीं रख रही है। सभा के दौरान कांग्रेस ने नई परंपरा की शुरुआत करते हुए किसानों के पैर भी धोए। जिलाध्यक्ष नरेश मरावी के नेतृत्व में हुए किसान आंदोलन में जिलेभर से कांगे्रस पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं किसान शामिल हुए। सुबह से ही जिला मुख्यालय पर कांग्रेसियों एवं किसानों का आना शुरु हो गया था। दोपहर 12 बजे कचहरी चौक पर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। वहीं केवलारी से विधायक रजनीश सिंह, प्रभारी सोहन वाल्मिकी, पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार खुराना सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे। किसान आंदोलन को लेकर प्रशासन एवं पुलिस भी सुबह से मुस्तैद रही। कांग्रेस ने सरकार से मक्का की खरीदी समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर करने, धान 3100 रुपए और गेहूं 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदीने, खाद-बीज की समस्या को दूर करने, बिजली की समस्या, बोल्टेज की समस्या का समाधान करने, खाद विक्रय के डबल लॉक केन्द्रों में किसानों से खसरे एवं पावती की सत्यापित प्रतिलिपि पर रोक लगाने सहित अन्य मांग की।

रैली के रूप में पहुंचे कलेक्ट्रेट
किसान आंदोलन दोपहर 12.30 शुरु हुआ और शाम 5.30 बजे तक चलता रहा। इसके बाद सभी ने कचहरी चौक से पैदल मार्च निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंचे। कांग्रेस का कहना था कि वे कलेक्टर शीतला पटले को ही मांगों का ज्ञापन सौपेंगे। सभी कलेक्ट्रेट में ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि एसडीएम पूर्वी तिवारी ने विधायक से फोन पर कलेक्टर की बात कराई। इसके बाद कांग्रेसियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा।

बस यात्रियों को हुई परेशानी
किसान आंदोलन को देखते हुए पुलिस भी मुस्तैद रही। शहर में यातायात व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए कई रूट को डायवर्ट किया गया। यात्री बसों को शहर में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई। हालांकि इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बसों को छिंदवाड़ा बाइपास पर ही रोक दिया गया। हालांकि पुलिस का कहना था कि कुछ देर के लिए ही यह व्यवस्था बनाई गई थी। वहीं कई किसान ट्रैक्टर के साथ शहर में प्रवेश करना चाह रहे थे, जिसे पुलिस ने आने नहीं दिया। उनका कहना था आप पैदल चले जाइए।