
सिवनी. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कर्मचारियों को कवच से जुड़े वास्तविक सिस्टम, उसकी कार्यप्रणाली और परिचालन आवश्यकताओं को समझने को लेकर प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। जिसमें कर्मचारी प्रशिक्षण प्राप्त कर दक्ष बनेंगे। बता दें कि कवच भारतीय रेलवे की स्वदेशी विकसित ऑटोमैटिक ट्रेन संरक्षा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य ट्रेन संचालन को अत्यधिक सुरक्षित एवं त्रुटिरहित बनाना है। यह प्रणाली सिग्नल पासिंग एट डेंजर(स्पेड) को रोकती है एवं निर्धारित गति से अधिक होने पर स्वत: ब्रेकिंग सुनिश्चित करती है। दो ट्रेनों के बीच सुरक्षित दूरी बनाए रखती है एवं हेड-ऑन और रियर-एंड टक्कर की संभावना को न्यूनतम करती है। इन-कैब सिग्नल डिस्प्ले, मूवमेंट अथॉरिटी की निगरानी और सतत गति-नियंत्रण जैसी विशेषताएं इसे अत्याधुनिक बनाती है। बीते दिन महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने बिलासपुर में अत्याधुनिक कवच प्रयोगशाला का शुभारंभ किया। यह प्रयोगशाला स्वदेशी ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन प्रणाली कवच के प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने एवं कर्मचारियों को वास्तविक परिस्थितियों में संरक्षा संबंधी प्रक्रियाओं की समझ विकसित करने हेतु स्थापित की गई है। नवस्थापित कवच प्रयोगशाला में उच्च क्षमता वाले सिमुलेटर के माध्यम से लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, ट्रेन मैनेजर, सिग्नल एवं दूरसंचार कर्मियों को वास्तविक ट्रेन संचालन की विभिन्न परिस्थितियों स्पैड परिदृश्य, ओवरस्पीड स्थिति, आपातकालीन ब्रेकिंग, ट्रेन-टू-ट्रेन टक्कर रोकथाम का जीवंत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह सुविधा कर्मचारियों को कवच से जुड़े वास्तविक सिस्टम, उसकी कार्यप्रणाली और परिचालन आवश्यकताओं को समझने में अत्यंत सहायक होगी, जिससे संपूर्ण नेटवर्क पर कवच की तैनाती और उपयोग और भी प्रभावी होगा। यह पहल उच्च संरक्षा मानकों, तकनीकी दक्षता एवं भविष्य के सुरक्षित रेल संचालन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई कवच प्रयोगशाला दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की संरक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करेगी एवं आने वाले समय में पूरे नेटवर्क में कवच प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण मंच सिद्ध होगी।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कवच कार्यों की प्रगति
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में बड़े पैमाने पर कवच कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें स्टेशन-कवच, लोको-कवच, टॉवर, ओएफसी नेटवर्क एवं अन्य संबंधित अवसंरचना शामिल हैं। लगभग 1654 करोड़ की लागत से यह कार्य संचालित हो रहा है। कई शाखा लाइनों पर भी कवच स्थापना का कार्य जारी है।
Published on:
07 Dec 2025 02:23 pm
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