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एक युवक के हौसले से आसान हुई 30 गांव की राह

सागर नदी पर खड़ा कर दिया बांस-बल्ली का पुल

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Prashant Sahare

Jan 16, 2017

seoni

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सुनील बंदेवार सिवनी.
हौसला हो तो हर मुश्किल लक्ष्य को पाना आसान हो जाता है। इस बात को सच साबित कर दिखाया है पोंगार गांव के एक युवक की कोशिशों ने। अकेला युवक तेज बहाव वाली सागर नदी पर बांस-बल्ली का पुल बनाने जुटा तो उसके हौसले को देख गांव के दूसरे लोग भी उसके साथ आ खड़े हुए और इस तरह बांस-बल्ली का पुल खड़ा हो गया। अब इस पुल के बन जाने से 30 गांव के लोगों की राह आसान हुई है।

सिवनी विकासखण्ड और केवलारी विधानसभा क्षेत्र का गांव है पोंगार। इस गांव के नजदीक से बहने वाली विशाल सागर नदी पर पुल न होने से भालीवाड़ा, खमरिया, पांजरा, छुई, कतरवाड़ा, जुरतरा, हिनोतिया, मानेगांव, सिंघोड़ी जैसे करीब 30 गांव के लोगों को आने-जाने की समस्या थी, मजबूरी में उन्हें 10 किमी सड़क मार्ग से घूमकर आना-जाना पड़ता था। बावजूद इसके आज दिन तक पुल तो दूर शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधि रपटा तक नहीं बनवा पाए थे।

समस्याओं को देखते हुए पोंगार गांव में रहने वाले जागरुक युवा शिवराम ठाकुर ने नदी की बाधा को दूर करने बांस-बल्ली का पुल बनाने की सोची, लेकिन पहले उसे किसी ने साथ नहीं दिया, जब वह कोशिशों में जुटा और बांस-बल्ली, पत्थर-मिट्टी आदि की व्यवस्था कर सागर नदी पर पुल बनाने की कोशिश में जुटा तो ग्राम के अन्य युवाओं ने भी उसके हौसले को बढ़ाते हुए सहयोग किया और यहां बांस-बल्ली का अस्थायी पुल बना डाला। उम्मीद है कि यह पुल बरसात आने तक क्षेत्रीय ग्रामीणों के लिए कम से कम 7-8 महीने राह आसान बनाए रखेगा।

किसी ने दिया बांस, किसी ने लकड़ी -

युवा की इस कोशिश को देख गांव के अन्य ग्रामीणों ने भी सहयोगी बनते हुए बांस-बल्ली सहित अन्य सामग्री की व्यवस्था कर दी। जब सबने पुल बनाने में मदद की तो एक दिन में ही यहां 27 फीट लम्बा और 8 फीट चौड़ा बांस-बल्ली का पुल बन गया। पुल बन जाने के बाद 13 जनवरी को विधिविधान से पुल का पूजन भी किया गया। अब सागर नदी पर बने इस बांस-बल्ली के पुल से होकर न सिर्फ पैदल बल्कि बाइक सवारों का आना-जाना शुुरु हो गया है।

नेता, अफसर पर नाराजगी -

पत्रिका से चर्चा करते हुए इस गांव के शिवराम, मिथलेश, रामदास व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से ये शासन-प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों से पुल न सही रपटा ही बना दिए जाने के लिए गुहार लगाते आ रहे हैं, किन्तु कोई उनकी नहीं सुन रहा है। जिससे ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी है। वहीं पोंगार ग्राम के युवाओं द्वारा किए गए इस प्रशंसनीय कार्य की सराहना क्षेत्रीय ग्रामों में हो रही है।

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