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अपने आप खनके लगते हैं बर्तन, मकानों में आ रहीं दरारें

हर दिन कांप रही है धरती है, पढि़ए पूरी खबर

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धनपुरी- अचानकर कांपने लगती है धरती, खनखनाने लगते हैं बर्तन, मकानों में आ रही हैं दरारें, कुएं का पानी हो गया है मटमैला फिर इनकी कोई सुनने वाला नहीं है। ये लोग इन परेशानियों को झेलने के लिए मजबूर हैं। एसईसीएल सोहागपुर एरिया कोयला उत्पादन में भले देश का ताज बना हो,लेकिन इसके दुष्परिणाम भी कम नहीं है। जिसे कोयलांचल क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। कोयला खदानों में उत्पादन बढ़ाने के लिए रोज हैंवी ब्लास्टिंग हो रही है। जिससे रोज भुकंप जैसे झटके महसूस हो रहे है। लोगों के मकानों में दरारे आ रहीं है। घर में रखे बर्तन खन खनाने लगते हैं। सोते हुए लोगों की नींद टूट जाती है। इतना ही नहीं कुएं का पानी हिलोरे मारने लगता है। इसके बाद भी वर्षों से रोज हो रहीं समस्या से क्षेत्र के लोगों को छुटकारा नहीं मिल रहा है। जिसका कारण निर्धारित तीब्रता से अधिक की ब्लास्टिंग बताया जा रहा है। इस समस्या से निजात के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया। लेकिन बदले में सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।

सोहागपुर एरिया के ई- सेक्टर में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग से आस-पास के एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं। जिनमें देवहरा , सकोला , अमलाई , संगमा , पटना सबसे अधिक प्रभावित हंै। हैवी ब्लास्टिंग के चलते दीवारों में बडी बडी दरारें हैं। आम रास्तों में गोफ बन जाते हैं। यहां तो कई मकान जमीन में धंस चुके हंै। इससे आए दिन कोई न कोई नुकसान होता रहता है। जिससे लोगों के अंदर आक्रोश भी बढता जा रहा है।

हैवी ब्लास्टिंग से होने वाले नुकसान को लेकर कई बार आंदोलन हो चुके हैं। दो माह पहले आस-पास गांवों के हजारो लोगों ने जीएम ऑफिस में प्रदर्शन किया था। जिसमेंं हैवी ब्लास्टिंग बंद करने की मांग की गई थी। साथ ही हैवी ब्लास्टिंग से हो रहे नुकसान के मुआवजा की भी मांग की गई थी। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। कोयला उत्पादन के लिए जब भी ब्लास्टिंग की जाती है, उस समय कोल डस्ट से पूरे क्षेत्र में अंधकार सा छा जाता है । यह डस्ट कई गंभीर बीमारियों को बढाने का काम कर रही है।