
After all what is there the cattle tied in pegs silent in school
शहडोल/रसमोहनी- जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर जैतपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत गांवों में भालुओं के झुण्ड की दहशत है। भालू कब किसके ऊपर हमला कर देगे कोई भरोसा नहीं है। नवम्बर माह में भालुओं ने जहां एक दर्जन से अधिक मवेशियों को अपना निवाला बना लिया है,वहीं दो लोगो पर जान लेवा हमला कर लहुलुहान भी कर चुके हैं।
जिसके भय से गांव के मवेशी खूंटे से बंधे हुए हैं। मवेशियों को भालू के डर से बाहर चरने के लिए नहीं छोड़ा जा रहा है। बच्चे भी घर में छुुप के रह रहे हंै। अभिभावक भालू के डर से स्कूल नहीं भेज रहे हंै। किसानों के खेती का काम भी चौपट हो रहा है। मजदूर खेत में नहीं जा पा रहे हंै। इसके बाद भी भालुओं को आबादी क्षेत्र से खदेडऩे का काम नहीं हो रहा है। जिससे ग्रामीण दहशत में जी रहे है। क्षेत्र के खोडऱी और डोंगरी में भालुओं के झुण्ड का डेरा जमा हुआ है। जो किसी भी समय किसी पर हमला कर रहे है। जिससे ग्रामीण बुरी तरह से डरे व सहमे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि इन दिनों ग्रामीण इलाकों में धान की कटाई जोरों पर चल रही है, लेकिन भालुओं के हमले के डर से किसान खेतों में नहीं जा पा रहे हैं, जिसके कारण उनकी फसल समय पर नहीं कट पा रही है। वहीं वन अमला बेखबर बना हुआ है।
बच्चे नहीं जाते स्कूल
ढोंगी टोला निवासी मान सिंह ने बताया कि भालू की दहशत से गांव के लोग बच्चों को 3 दिन से स्कूल नहीं भेज रहे हैं। जानवर भी घर में बंद कर रखे हैं। ढोंगी टोला निवासी राम लाल ने बताया कि भालू सुबह शाम आस पास के गांव में विचरण करते रहते हैं। जिससे गांवों की स्कूल सूनी रह रही हैं। इसके बाद भी वन विभाग ध्यान नहीं दो रहा है। जिससे ग्रामीण डरे व सहमे हुए हैं।
Published on:
20 Nov 2017 02:49 pm
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