
24 जून से 10 जुलाई तक एटक मनाएंगा संघर्ष पखवाड़ा , एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों के कार्यालयों पर होगा प्रदर्शन
धनपुरी .संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) ने समन्वय समिति की बैठक कर फैसला लिया है कि मजदूरों के ज्वलंत समस्याओं को लेकर एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों में 24 जून से 10 जुलाई तक संघर्ष पखवाड़ा मनाया जाएंगा। जिसमे एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों के क्षेत्रीय महाप्रबंधक के कार्यालय पर प्रदर्शन कर मांग पत्र सौंपा जाएगा। संयुक्त कोयला मजदूर संघ (एटक) के महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिह नें कहा कि भारत सरकार के इशारे पर प्रबंधन, कोल इण्डिया के साथ-साथ एसईसीएल में मनमानी पर उतारु है। सार्वजनिक क्षेत्र के मूलभूत स्वरुप को दरकिनार कर एक तरफा फैसला बिना यूनियन से राय-मशविरा किये प्रबंधन कर रही है। कोल इण्डिया ने हाल ही मे आवास खाली नहीं करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेज्युटी भुगतान करने का पत्र जारी कर दिया है, लेकिन एसईसीएल में इसका पालन नहीं किया जा रहा हैै, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
एक तरफ जिन अधिकारियों की नौकरी 2 वर्ष शेष है उनका स्थानांतरण प्रबंधन नहीं करती लेकिन यदि किसी कर्मचारी की नौकरी 2 वर्ष से कम शेष है तो एसईसीएल प्रबंधन उनका स्थानांतरण दूसरे क्षेत्रों मे कर दे रही है। जेबीसीसीआई के भावना के विपरीत खदान बंदी एवं सामूहिक मजदूरों के स्थानांतरण के प्रश्न पर संचालन समिति की बैठक में चर्चा भी नहीं हो रही है। ठेका मजदूरों का शोषण प्रबंधन एवं ठेकेदारों के बेईमानी की साझेदारी का जीता-जागता सबूत है तथा गरीबों के खून का दाग अकेले ठेकेदारों पर नहीं है। पेंशन भी एसडीए काटकर सीएमपीएफ को भेजा जा रहा है। पीस रेटेड कर्मचारियों का एमजीबी मूल बेसिक में नहीं जोड़ा जा रहा है। वेल्फेयर कमेटी का निरीक्षण ही डिसेंट हाऊसिंग का पोल खोल रहा है।
मांग पत्र कीं प्रमुख मांगें
पेंशन का भुगतान एसडीए जोड़कर किया जाए, अभी पेंशन बनाते समय एसडीए को छोड़ा जा रहा हे। यह कानून का घोर उल्लंघन है। 157.36 मिलियन टन के उत्पादन के मद्देनजर मजदूरों के भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए कम्पनी के प्रत्येक कामगार को 10 हजार रुपये या बराबर का समान वितरित किया जाए। ि20 लाख रूपये अधिकतम ग्रेच्युटी का भुगतान 1.1.2017 से लागू करो। पीएफ के ब्याज दर को बढ़ाया जाए। किसी भी खदान को बंद करते समय या सामूहिक स्थानांतरण की परिस्थिति में क्षेत्रीय संयुक्त सलाहकार समिति एवं कम्पनी संचालन समिति की बैठक में जेबीसीसीआई के निर्णय के अनुरुप सहमति आवश्यक हो। खदान बंदी के नाम पर जिन खदानों से मजदूरों का सामूहिक स्थानांतरण किया गया है, पुन: उस क्षेत्र में दूसरे मजदूरों को रखा जाता है तो पहले स्थानांतरित मजदूरों को वापस किया जाए। 9.4.0 के तहत् मेडिकल बोर्ड बैठाकर गम्भीर बीमारी के कारण घर बैठे मजदूरों को मेडिकल अनफिट कर उनके आश्रित को रोजगार दिया जाए। जेनेरिक मेडिसिन की दुकान हर अस्पताल में खोला जाए। ताकि दवा के नाम पर गोरखधंधा बंद हो सके। मेनपावर बजट क्षेत्रीय जेसीसी की सहमति से बनाया जाए। आश्रित रोजगार के लम्बित प्रकरणों का निपटारा शीघ्र कराया जाए। शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आश्रितों की नौकरी दिया जाए। ठण्डा एवं शुद्ध पीने का पानी कार्यस्थल पर मजदूरों को मुहैया किया जाए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को तत्काल् ग्रेज्युटी का भुगतान किया जाए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मेडिकल बिलों का निपटारा जल्द से जल्द कराया जाए। सभी केन्द्रीय चिकित्सालयों में ब्लड बैंक संचालित किया जाए। उम्र निर्धारण के लम्बित प्रकरणों का निपटारा शीघ्र कराया जाए। जिन किसानों की जमीन ली गयी है, उनके आश्रित को रोजगार एवं मुआवजा दिया जाए। संघर्ष पखवाड़ा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर आंदोलन को सफल बनायें।
Published on:
16 Jun 2019 08:12 pm
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