
मौत के बाद भी जिंदा बता वसूल रहे थे रुपए, पहले कार्रवाई की, अब दोबारा अस्पताल शुरू कराने की तैयारी
शहडोल. मृत मरीज को ङ्क्षजदा बताकर इलाज के नाम पर रुपए लेने के आरोप से घिरे शहडोल के निजी अस्पताल पर अधिकारी एक बार फिर से मेहरबान हैं। अपर कलेक्टर, सीएमएचओ और अन्य अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में खामियां बताते हुए अभयदान देने की तैयारी में हैं। अग्रिम कार्रवाई के लिए अब सीएमएचओ के पाले में गेंद डाल दी गई है। जांच अधिकारियों द्वारा अपनी रिपोर्ट में इलाज में बरती गई लापरवाही, दस्तावेजों में की गई छेड़-छाड़ के साथ ही अस्पताल संचालन को लेकर तय गाइड लाइन का पालन न किए जाने के सभी आवश्यक प्रमाण के साथ पूरी रिपोर्ट बनाई थी। इसके बावजूद संचालनालय ने अधिकारियों की रिपोर्ट में ही कमियां बताकर संबंधित अस्पताल प्रबंधन के पक्ष में आदेश कर दिए हैं।
अधिकारियों की रिपोर्ट को ही ठहराया गलत
संचालक अपीलीय प्राधिकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा पत्र जारी कर यह हवाला दिया है कि सीएमएचओ शहडोल अपील सुनवाई के दौरान सूचना के बाद भी पक्ष रखने के लिए निर्धारित दिनांक 8 अप्रेल 2022 को नहीं पहुंचे। जबकि अस्पताल संचालक ने अपने पक्ष में अभिलेख प्रस्तुत किए हैं। जिसके बाद 12 अप्रेल 2022 को शाखा प्रभारी नर्सिंग होम अभिलेख एवं संबंधित अस्पताल को जारी पत्रों की पावती लेकर उपस्थित हुए। दस्तावेजों का परीक्षण सूक्ष्मता से किया गया। सीएमएचओ द्वारा अस्पताल प्रबंधन को जो नोटिस जारी किए गए थे उसका जवाब अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। सीएमएचओ द्वारा देवांता अस्पताल का बिना कारण लाइसेंस निरस्त किया गया है। समक्ष में सुने जाने के दौरान भी कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं पाए गए। जिसे देखते हुए सीएमएचओ द्वारा जारी आदेश को निरस्त करते हुए पंजीयन बहाल किया जाता है। मामले में अधिकारियों की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं।
नोटिस का जवाब भी नहीं दिया
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में पाई गई कमियों के संबंध में अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भी जारी किया था। जिसका भी प्रबंधन ने जवाब नहीं दिया गया। जांच टीम ने सौंपी गई रिपोर्ट व प्रबंधन ने बरती गई लापरवाही को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश जारी किया गया था।
सीएमएचओ ने निरस्त किया था लाइसेंस
पुष्पा राठौर पति संतोष राठौर के इलाज में लापरवाही बरतने व आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से मना करने मामले में टीम गठित कर जांच कराई गई थी। जांच में अस्पताल प्रबंधन ने इलाज में लापरवाही बरतने के साथ ही दस्तावेजों में छेड़-छाड़ के साथ ही आईसीयू में भर्ती मरीज का इलाज होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा किए जाने सहित अन्य कमियां पाई गई थी।
इनका कहना है
इस संबंध में संचालनालय ने पत्र भेजा है। अभी किसी तरह का बहाल नहीं किया गया है। अस्पताल से जुड़ी फाइल और दस्तावेज कलेक्टर और अपर कलेक्टर के समक्ष रखे जाएंगे। कमेटी द्वारा मामले की जांच की जाएगी। इसके बाद ही अग्रिम कार्रवाई होगी।
डॉ. आरएस पांडेय, सीएमएचओ
Published on:
02 May 2022 12:28 pm
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