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मौसम के बदले मिजाज, ओलावृष्टि की आशंका से किसान चिंतित

फूल रहीं फसलों को हो सकता है नुकसान, कुछ दिनों तक ऐसा ही बना रहेगा मौसम

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शहडोल

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Murari Soni

Feb 11, 2018

Farmers worried due to weather mood swings, hail warning

शहडोल। मौसम के बदले मिजाज के कारण ठंडक वापिस लौट रही है। आसमान में बादलों का डेरा, ओलावृष्टि और बारिश की संभावना किसानों को चिंतित कर रही है। आंधी तूफान के कारण फूल रहे आम और महुआ को काफी नुकसान पहुंच सकता है। क्षेत्र में लेट बोवनी के कारण फसलें अपरिपक्व हैं, बारिश गेहूं के लिए अमृत समान बताई जा रही है। आने वाले दिनों में मौसम ऐसा ही बना रहने का अंदेशा है।
तो झड़ जाएंगे आम-महुआ के फूल
फूल रही फसलों को छोड़ दें तो इस सीजन में पढऩे वाली पानी की बौछारे गेहूं जैसी फसलों के लिए अमृत समान बताई जा रहीं हैं। जो फसलें अभी पकी नहीं हैं उनके लिए भी बारिश फायदेमंद है। सब्जियों की फसल के लिए भी ठंडा मौसम अनूकूल है। तेज हवा बारिश के साथ यदि ओला वृष्टि होती है, तो फूल रही रवि फसलें व महुआ, आम के फूल झड़ सकते हैं। जिससे इन फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।
ठंड न लौटती तो अपरिपक्व रहती गेहूं की फसल
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो विगत दिनों पड़ रही गर्मी के कारण गेहूं की फसल पीली पडऩे की आशंका थी। धरती में नमी नहीं है, मौसम नहीं बदलता और ठंड वापिस नहीं लौटती तो गेहूं की फसल में दाने पतले पड़ते। चना-मसूर फसलों में रस चूसक कीड़े लगने का डर भी बना हुआ था। सब्जियों के लिए भी गर्म मौसम नुकसान दायक था।
अधिकतम तापमान गिरा, न्यूनतम उझला
आसमान में छाए बादलों के कारण रविवार को पूरे दिन सूर्य भगवान के दर्शन नहीं हुए। जिससे अधिकतम पारा ३ डिसे लुढ़ककर २३ डिसे पर पहुंचा। वहीं दूसरी तरफ इसके उलट न्यूनतम पारा में ४ डिसे का उछाल देखा गया, जो १० डिसे से बढ़कर १५ डिसे पर पहुंच गया। वहीं आने वाले पांच दिनों में बारिश होने और न्यूनतम-अधिकतम पारा और नीचे जाने का अनुमान है। मंगलवार को बारिश होने का अंदेशा बताया जा रहा है।

---गर्मी के कारण फसलों में इल्ली लगने का डर था, ठंडक लौटने से फसल के लिए यह लाभकारी है। पानी गिरता है तो फूल रही फसलों के लिए नुकसान होगा। तेज हवा महुआ और फूल रहे आम के लिए घातक है।
डॉक्टर मृगेंद्र सिंह
प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र शहडोल।

---क्षेत्र में लेट बोवनी के कारण कहीं भी फसल पूरी तरह से नहीं पकीं थीं। गर्मी के कारण गेहूं की बालियां अपरिपक्व रहने का अंदेशा था, अब यदि बारिश होती है तो गेहूं के लिए अमृत है। लेकिन चना-मसूर की फूल रही फसलों के लिए हानिकारक होगी।
पीएन त्रिपाठी
कृषि वैज्ञानिक।