
यहां कांग्रेस पार्टी में हो सकता है बड़ा बदलाव, कई नए नाम लिस्ट में, जल्द हो सकती है घोषणा
@रमाशंकर मिश्रा
शहडोल- विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के जिला स्तरीय संगठन में बदलाव के लिए कशमकश चल रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही जिलाध्यक्ष पद पर किसी नए व्यक्ति की ताजपोशी की जाएगी।
जिलाध्यक्ष पद के लिए दावेदारों में कई नाम सामने आ रहे हैं। इसमें आजाद बहादुर सिंह और प्रदीप सिंह की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। इसके अलावा बलमीत सिंह खनूजा और हरीश अरोरा (बिट्टू) को भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है। हालांकि कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी लाइन में हैं।
अरुण यादव और अजय सिंह के शहडोल दौरे के दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। उस दौरान अजय सिंह ने माना था कि शहडोल में संगठन कमजोर है। तब से ही बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं।
कमलनाथ के अध्यक्ष बनते ही ये तय माना जा रहा है कि जल्द ही यहां पर कांग्रेस अपना चेहरा बदलेगी। कांग्रेस को ऐसे व्यक्ति की तलाश है जो यहां चुनाव से पहले संगठन में जान फूंक सके। जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल लगभग आधा दर्जन नेताओं में से जिले की बागडोर किसके हाथ में होगी इसका फैसला भी अब जल्द ही होने वाला हैै। देखना यह है कि शीर्ष नेतृत्व वरिष्ठों पर भरोसा जताता है या फिर युवा के हाथो में जिले की कमान सौंपता है।
सभी ने बना रखी है अपनी पैैठ
जिलाध्यक्ष की दौड़ में शामिल इन आधा दर्जन नेताओं ने कहीं न कहीं शीर्ष नेतृत्व में अपनी पैठ जमा रखी है। कोई संस्कारधानी की दौैड़ लगा रहा है तो कोई राजधानी में डेरा डाल रहा है। किसकी पैठ कितनी मजबूत है और कौैन बाजी मारता है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। बहरहाल इस बदलाव को लेेकर कांग्रेस खेमे में हलचल मची हुई है।
ये भी हैं दौड़ में शामिल
जिलाध्यक्ष की दौैड़ में जहां दो वरिष्ठ नेताओं का नाम सुर्खियों में है वहीं लंबे अर्से से कांग्रेस में सेवा दे रहे चार अन्य नेता भी इस दौड़ में शामिल है। यदि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व वरिष्ठता को तवज्जो देता हैै तो फिर दुर्गा यादव व शिव कुमार नामदेव में से कोई एक जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर आसीन होगा। पार्टी ने इन्हें दरकिनार किया तो फिर आजाद बहादुर सिंह, बलमीत सिंह खनूजा, हरीश अरोरा बिट्टू व प्रदीप सिंह में से कोई एक नाम जिलाध्यक्ष के लिए चुना जा सकता है। वहीं ब्यौहारी से वरिष्ठ कांग्रेस नेता संतोष शुक्ला भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
चुनौती भरा होगा सफर
जिले में कांग्रेस को जीवंत करना व संगठित करना नये जिलाध्यक्ष के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। दलों के दल-दल में फंसी कांग्रेस को उबारना टेंढ़ी खीर साबित हो सकता है। मुश्किल दौर से गुजर रही कांग्रेस की नींव को मजबूत करना व उसे बुरे दौर से निकालकर ले जाना इतना आसान नहीं होने वाला है।
Published on:
22 May 2018 11:44 am
बड़ी खबरें
View Allशहडोल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
