
मानिटरिंग के अभाव में दुकानदारों सहित ग्राहक कर रहे मनमानी
शहडोल. संभागीय मुख्यालय में लॉकडाउन-4 में व्यवसायिक कार्यों में काफी राहत दी गई है और कारोबार अभी धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है। व्यवसायियों का यही मानना है कि आगामी दिनों में यदि कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो जाएगा तो आगामी एक-दो माह में लगभग सभी कारोबार अपनी गति पकड़ लेंगे और अधिकांश व्यवसाय अपनी पटरी पर आ जाएगे। वर्तमान में अभी आठ से दस फीसदी ही व्यवसाय हो रहा है। जिसकी मुख्य वजह सुलभ आवागमन और शादी का सीजन समाप्त होना बताया जा रहा है। अभी बाजार में ज्यादातर लोग जरूरत की चीजों की ही खरीदारी कर रहे है। उनके मन में अभी शंका बनी हुई है कि यदि बाजार बंद हो जाएगा तो उन्हे जरूरत की चीजों की किल्लत हो जाएगी। हालात इस तरह निर्मित हो गए है कि किराना व सब्जी का कारोबार भी काफी मंदा चल रहा है। ऑटोमोबाइल में वाहनों की बिक्री तो दूर लोग सर्विसिंग कराने भी नहीं आ रहे हैं। हार्डवेयर का कारोबार मजदूरों की सक्रियता का इंतजार कर रहा है और डेयरियों में भी दूध, दही व पनीर की खपत भी बहुत कम हो गई है। व्यवसायियों का मानना है कि आगामी महीने में मानसून भी सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद सितम्बर-अक्टूबर में ही बाजार उठने के आसार दिख रहे है।
अनिश्चिंता के दौर में लोग वाहनों में पूंजी लगाने से डर रहे हैं। अभी लोग वाहनों की सर्विसिंग कराने आ रहे है और एक दो वाहनों की बिक्री भी हो रही है।
राजकुमार खरया, ऑटोमोबाइल व्यवसायी।
यहां किराना का कारोबार ग्रामीण इलाकों के ग्राहकोंं पर ज्यादा निर्भर है और ग्रामीण लोग अभी कम आ रहे हैं। अभी लोगों के पास पैसों की कमी भी है।
किसन सनपाल, किराना थोक व्यापारी।
जब रेत, गिट्टी व ईटों की बिक्री शुरू होगी, तब हार्डवेयर का कारोबार जोर पकड़ेगा। मेरे ख्याल से हमारा कारोबार इस दीवाली पर्व पर भी फीका ही रहेगा।
शिवेन्द्र प्रताप ङ्क्षसह, हार्डवेयर व्यवसाई।
जब शादी अवसरों पर 50 लोगों से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने लगेंगे और आवागमन के साधन सुलभ होगे। तभी टेंट व बारात घरों का कारोबार उभरेगा।
दीपक जसवानी, टेन्ट व बारात घर संचालक।
संसाधनों की कमी से बाजार में सब्जियों की मांग काफी घट गई है और वर्तमान में सब्जियों के दाम भी कम हो गए है। प्याज तो 6-7 रुपए प्रतिकिलो हो गई है।
मनोज कुमार राचवानी, थोक सब्जी व्यापारी।
आगामी दिनों में मंदिरों में पूजा-अर्चना और शादी अवसर शुरू होने से ही डेयरी का कारोबार गति पकड़ेगा। यह तभी संभव है जब शहडोल ग्रीन जोन मेें बना रहे।
बालकृष्ण गुप्ता, डेयरी संचालक, शहडोल।
Published on:
29 May 2020 08:45 pm
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