
Is it so cheap that the life of the tigers four die but no action
हमारे सूबे के मुखिया जब अमेरिका गए थे तो उन्होंने मध्यप्रदेश की सड़कों के साथ-साथ बाघों की भी जोर-शोर से ब्रांडिंग की थी। इस ब्रांडिंग का मकसद था प्रदेश में पर्यटन को बढावा देना। पर्यटक भले न आये हों लेकिन शहडोल संभाग में शिकारी जरूर धड़ल्ले से घूम रहे हैं। बेलगाम शिकारियों और बेपरवाह वन विभाग की वजह से बाघों की जान पर आफत आई हुई है। पिछले एक पखवाड़े में चार बाघों की मौत हो चुकी है। इसमें एक वयस्क बाघ, एक बाघिन और एक शावक का करंट लगाकर शिकार किया गया। एक अन्य वयस्क बाघ की लाश मिली थी, उस बाघ के बारे में वन विभाग का अमला ये तय नहीं कर पाया है कि वह आया कहाँ से और उसकी मौत कैसे हुई। बाघों की मौतों के सिलसिले के बीच एक तेंदुए का भी शिकार किया। हालांकि ग्रामीणों की सक्रियता से तेंदुए की लाश तो वन विभाग ने बरामद कर ली और शिकारी भी पकडे गए। अंचल में बाघों का लगातार शिकार होने से यहां के लोग अचंभित होने के साथ-साथ परेशान भी हैं। इन घटनाओं की वजह से वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन बाघों के शिकार मामूली घटना तो नहीं है। वन विभाग को ग्रामीणों और दूसरे अन्य माध्यमों से रहवासी एरिया के नजदीक मूवमेंट की लगातार सूचनाएं मिल रहीं थीं। बाघिन को लेकर तो ये कहा जा रहा था कि वह शहडोल शहर में दो शावकों के साथ घूम रही है। इसको लेकर शहर में कई दिन दहशत रही। इतना सब होने के बाद भी इन बाघों को बचाया नहीं जा सका और ये शिकारियों के चंगुल में फंस गए। बाघिन का शिकार होने से पहले वन विभाग उसके मूवमेंट को नकारता रहा, लेकिन अब बोल रहा है कि बाघिन के साथ का एक शावक अभी जिंदा है। उसको बचाने के लिए सर्चिंग की जा रही है। आशंका है कि कहीं वह भी शिकारियों के हाथ न लग जाए। सवाल ये है कि वन विभाग के पास भारी भरकम अमला है। अच्छे-खासे संसाधन हैं, इसके बावजूद वन्यजीवों की जिंदगी सुरक्षित नहीं है। शिकारी भारी पड़ रहे हैं। उनके मन में वन विभाग और पुलिस का बिल्कुल खौफ नहीं है। दूसरी तरफ वन विभाग में आपसी समन्वय पर भी सवाल उठ रहे हैं। अधिकारी-कर्मचारी सहयोगात्मक रवैया अपनाने की बजाय आपसी झगड़ों में उलझे हुए हैं। उधर वन विभाग के शीर्ष अफसरों और शासन पर भी सवाल है कि इतना सब होने के बाद भी सब चैन की बंशी बजा रहे हैं। क्या हमारे यहां बाघों की जान इतनी सस्ती है कि चार-चार की मौत हो जाए और किसी पर आंच न आए?
Published on:
17 Dec 2017 02:19 pm
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