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जानिए कहां पहुंची दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा

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Know Where reached Digvijay Singh Narmada Yatra

अनूपपुर- जिले के पुष्पराजगढ़ सीमा शीशघाट पर सोमवार की शाम पहुंची पूर्व मप्र मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा यात्रा मंगलवार ६ मार्च की सुबह मां नर्मदा के पूजन अर्चन उपरांत अमरकंटक नर्मदा दिशा की ओर बढ़ी। जिसमें मंगलवार की शाम तक नर्मदा परिक्रमा यात्रा लालघाट पहुंची, जहां पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित उनकी पत्नी तथा परिक्रमावासियों ने माता नर्मदा का पूजन अर्चन कर रात्रि विश्राम आरम्भ किया।
बताया जाता है कि ७ मार्च की सुबह यह यात्रा लालपुर से प्रारम्भ होकर ग्राम देवरी पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम किया जाएगा। विदित हो कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मध्यप्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने समर्थकों के साथ 3 हजार 300 किमी लंबी और लगभग 6 माह पहले नर्मदा परिक्रमा नरसिंहपुर जिले की बरमान घाट से प्रारंभ की थी, जहां ५ मार्च की शाम अनूपपुर जिले की सीमा पर प्रवेश कर शीश घाट आश्रम पहुंच मां नर्मदा की विधि विधान से पूजा अर्चना कर रात्रि विश्राम किया था। जिसके बाद यात्रा ६ मार्च की सुबह ८ बजे शीश घाट आश्रम से दूधी से चलकर इटौर, घोघरी होते हुए दोपहर लगभग २.३० बजे बरांझ
पहुंची जहां दोपहर विश्राम के बाद ग्राम बीजापुरी, कछरा टोला, चंदन घाट होते हुए लालघाट पहुंचे। दि$ग्गी के नर्मदा परिक्रमा यात्रा की सूचना पर जगह जगह ग्रामीणों ने उनका स्वागत कर यात्रा को गांव की सीमा तक पहुंचाने में कारवां का हिस्सा बने।
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सपोर्टिंग स्टाफ ने किया कार्य का बहिष्कार
अनूपपुर - जिला अस्पताल में पिछले 5-7 सालों से लगातार सपोर्टिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत लगभग डेढ़ दर्जन वार्ड आया और वार्ड ब्यॉय ने मंगलवार 6 मार्च को अपनी मानदेय बढ़ाने तथा पूर्व में सूचना देकर हड़ताल पर जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा पांच दिनों का मानदेय काटे जाने के विरोध में कार्य का बहिष्कार किया। साथ ही अपनी मांगों तथा अस्पताल प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के सम्बंध में अनूपपुर विधानसभा विधायक रामलाल रौतेल के आवास पर ज्ञापन सौंपा।

सपोर्टिंग स्टाफों का कहना है कि पूर्व में जिला अस्पताल ने मानदेय बढ़ाने पर फरवरी माह से 5000 रूपए दिए जाने का आश्वासन दिया था। प्रशासन द्वारा उनके मानदेय को नहीं बढ़ाया गया। जनवरी माह में उनके द्वारा सीएस, सहित सीएमएचओ को सूचना देकर हड़ताल पर बैठा गया था। जिसमें पांचवे दिन अस्पताल प्रशासन के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त कर कार्य पर वापसी की गई। लेकिन बाद में अस्पताल प्रशासन ने उन पांच दिनों का मानदेय ही काट लिया।