नहीं देखी बारात न भव्य खानपान की व्यवस्था
बताया गया है कि कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले दो माह में लोगों ने न तो शादी देखी और न ही बाराती। साथ ही भव्य खानपान की व्यवस्था को भी लगभग लोग भूल गए हैं। घर में टीवी और मोबाइल का सहारा है तो बाहर कोरोना का खौफ से लोग अभी भी बेहाल है।
हर व्यापार कोरोना कहर के जद में
शादियों की धूमधाम खत्म हो जाने के कारण शहर के कारोबारियों का धंधा भी मंदा हो गया है। लगभग हर व्यवसायिक सेक्टर कोरोना के कहर की जद में है। कपड़ा, जूता, इलेक्ट्रॉनिक व ऑटोमोबाइल के साथ ही सबसे अधिक वे लोग प्रभावित हो रहे हैं, जो शादियों के सीजन पर ही आश्रित हैं।
दोहरी मुसीबत का कर रहे सामना
बताया गया है कि शादियों की सीजन पर आश्रित मैरिज गार्डन संचालक, हलवाई, बैंड वाले, आतिशबाजी, छतरी, शहनाई, घोड़ी व बग्घी व बारात में लाइट उठाने वाले लोग तो रोजी-रोटी के लिए भी परेशान हो चुके हैं। ऐसे में लोग दोहरी मुसीबत का सामना कर रहे हैं, क्योंकि चारों ओर जहां कोरोना इन लोगों की सेहत का दुश्मन बना हुआ है, वहीं बीते दो महीने में कोरोना ने लोगों को आर्थिक तौर पर पूरी तरह से निचोड़ दिया है।
गृहस्थ सामग्री व गिफ्ट का कारोबार चौपट
बताया गया है शादियां के सीजन में दुकानों से गिफ्ट की जमकर खरीदारी की जाती थी। साथ ही शादी के एक से बढकऱ एक कार्ड छपवाए जाते थे, मगर अब न तो शादी के लिए कार्ड छप रहे हैं न पहले जितना गिफ्ट व दहेज का सामान खरीदा जा रहा है। वहीं गिफ्ट का लेन देन भी सीमित हो गया है। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स आयमट, रेडीमेट गार्मेंट, बर्तन व सजावटी सामग्री की बिक्री खासा प्रभावित हो रही है।