
mp election 2023
गौरतलब है कि कभी कांग्रेस का गढ़ रहे विंध्य में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। 24 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि छह में ही कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे। शहडोल संभाग की 8 विधानसभा सीटें भी इसमें शामिल थी।
इनमें से अनूपपुर की दो सीटें जीत ली थी लेकिन शहडोल की ब्यौहारी सीट भी कांग्रेस ने गवां दी थी। वर्ष 2013 में कांग्रेस ने यहां वापसी की थी, हालांकि 2018 के चुनाव में ऐन वक्त पर शरद कोल की कांग्रेस से भाजपा में इन्ट्री ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया था। यहां से कांग्रेस को फिर अपनी सीट गंवानी पड़ी थी। पिछले 10 चुनावों के आंकड़ो की बात की जाए तो ब्यौहारी विधानसभा सीट ने भाजपा के छह तो कांग्रेस के 4 विधायक दिए हैं। इसके बाद भी वोट बैंक की बात की जाए तो कांग्रेस का पक्ष इस क्षेत्र से काफी मजबूत रहा है। इसी वोट बैंक को भुनाने के लिए कांग्रेस ने अपनी चुनावी सभा की शुरुआत ब्यौहारी से की है।
छह बार भाजपा, चार बार कांग्रेस से विधायक
ब्यौहारी विधानसभा सीट की बात की जाए तो यहां पिछले 10 बार के चुनाव में भाजपा का पलड़ा भारी रहा है। जानकारी के अनुसार यहां 1977 से 2018 के बीच पांच बार भाजपा और 4 बार कांग्रेस से विधायक रहे हैं। वर्ष 1998 से 2008 के दौरान इस सीट से दो बार लवकेश सिंह और एक बार बली सिंह विधायक रहे हैं। तीन बार से लगातार भाजपा विधायक रहने के बाद वर्ष 2013 में कांग्रेस के रामपाल सिंह ने सेंध लगाते हुए भाजपा प्रत्याशी राम प्रसाद सिंह को लगभग 18 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी थी।
ऐन वक्त में बदल गए थे समीकरण
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के एक दाव ने पूरे समीकरण बदल दिए थे। इस चुनाव में शरद कोल ने कांग्रेस का हाथ छोंडकऱ भाजपा का दामन थाम लिया था। शरद के भाजपा में शामिल होने और टिकट मिलने से कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। भाजपा को इसका फायदा मिला और वह अपनी खोई सीट पर फिर काबिज हो गई। कांग्रेस इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है और हाल में इस सीट पर काबिज होना चाह रही है।
फिर विंध्य की 30 सीटों को साधने कवायद्
कांग्रेस विंध्य में अपनी खोई ताकत को वापस पाने जोर आजमाइश में लगी है। कांग्रेस की निगाहे सबसे ज्यादा आदिवासी सीटों पर टिकी हुई है। यही वजह है कि राहुल गांधी की सभा ब्यौहारी में कराई गई। इस सभा के माध्यम से कांग्रेस ने शहडोल संभाग की 8 सीटों के साथ ही सतना, रीवा और सीधी की विधानसभाओं में भी छाप छोंड़ा है। यह सभा पूरी तरह से आदिवासी और ओबीसी वर्ग को साधने वाली रही है।
10 विस चुनाव में यह रहे विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
1977 बैजनाथ सिंह जनता पार्टी
1980 राम किशोर शुक्ला कांग्रेस
1985 शुक्ला रामकिशोर कांग्रेस
1990 लवकेश सिंह भाजपा
1993 शुक्ला रामकिशोर कांग्रेस
1998 लवकेश सिंह भाजपा
2003 कुंवर लवकेश सिंह भाजपा
2008 बली सिंह मरावी भाजपा
2013 रामपाल सिंह कांग्रेस
2018 कोल शरद जुगलाल भाजपा
Published on:
12 Oct 2023 08:05 am
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