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अब इन परिवारों को रोजगार देगा प्रशासन, गांवों में विशेष शिविर लगाने के निर्देश

कमिश्नर ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम

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Now, these families will employ administration

शहडोल- संभाग के आदिवासी अंचलों में कुपोषण की भयावह स्थिति को सुधारने की दिशा में प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। कुपोषण का दंश झेल रहे मासूमों के परिवारों की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए प्रशासन ने एक नवाचार किया है। कुपोषण पीडि़त के परिवार को रोजगार से जोडऩे की पहल की जा रही है।
अधिकारियों की मानें तो रोजगार से जुडऩे से परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। इससे कुपोषण से लडऩे के लिए मासूम के परिवार को काफी मदद मिलेगी। महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी कुपोषित मासूम के परिवार को रोजगार देंगे। कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने संभाग के शहडोल, उमरिया और अनूपपुर के कलेक्टर्स को निर्देश दिए हंै। इतना ही नहीं कमिश्नर ने 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। सभी अधिकारियों को 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देनी होगी। सबसे ज्यादा फोकस शहडोल के आदिवासी अंचलों के साथ उमरिया के आकाशकोट क्षेत्र मानपुर और अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ के गांवों में करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

कमिश्नर ने शहडोल, उमरिया और अनूपपुर में कुपोषण के लिए विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग अलग अलग गांवों में शिविर लगाएंगे। यहां पर कुपोषित मासूमों को चिहिंत किया जाएगा। कमिश्नर ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है ंकि यह काम 15 दिनों के भीतर पूरा हो जाना चाहिए। इसके अलावा कुपोषित बच्चों को कुपोषण की स्थिति से मुक्ति के लिए सभी सुविधाएं मुहैया हो जाना चाहिए।

तीन विभागों के अफसरों को घूमना होगा गांव
संभाग में बढ़ते कुपोषण को लेकर अब तीन विभाग के अफसर गांव - गांव घूमेंगे। कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी शहडोल संभाग के कुपोषण की स्थिति वाले गांवों का भ्रमण करना होगा। शिविर में कुपोषित मासूम चिहिंत होने के बाद संभाग के अलग- अलग ब्लॉकों में संचालित एनआरसी सेंटरों में भर्ती कराना होगा। यहां पर भी हालत में सुधार नहीं आता तो जिला मुख्यालय के सेंटर्स में भेजने की जिम्मेदारी होगी।

कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने कहा...
संभाग में कुपोषण की रिपोर्ट की एनालिसिस की गई। कई गांव और क्षेत्र के मासूम कुपोषण की चपेट में है। सभी विभागों की बैठक लेकर चर्चा की गई। इसमें यह बात सामने आई कि आर्थिक तंगी होने से मासूम कुपोषण की चपेट में आ जाता है। हमने एक नई कार्ययोजना बनाई है। कुपोषित मासूम के परिवार को रोजगार से जोड़ा जाएगा। आर्थिक तंगी दूर होने से परिवार का मुखिया बच्चे की अच्छी परवरिश और देखभाल रख पाएगा। तीन विभागों के अधिकारियों को गांव- गांव घूमने के निर्देश दिए हैं। १५ दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। कुपोषण दूर करने की दिशा में हरसंभव प्रयास किया जाएगा।