
जिला अस्पताल में असुविधाओं से परेशान प्रसूता ने कलेक्टर से की शिकायत, नाराज़ डॉक्टर ने महिला को भगाया
शहडोल/ मध्य प्रदेश के शहडोल जिला चिकित्सालय में जहां एक तरफ प्रसुताओं के साथ नवजात बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। वहीं, दूसरी तरफ जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार के सख्त रवैए के बावजूद चिकित्सकों की मनमानी और जिला चिकित्सालय में चल रही तानाशाही थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम ये है कि, अस्पताल के चिकित्सकों में प्रशासनिक कार्रवाई का भी कोई डर नहीं है।
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कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद शुरु हुआ जिला अस्पताल में उपचार
दरअसल, पहले तीन बार अलग-अलग स्थानों से रेफर होकर उमरिया जिले के पिनौरा गांव की अंजनी यादव नामक प्रसुता जिला चिकित्सालय पहुंची थी, पहले तो चिकित्सकों और स्थानीय स्टाफ ने उसका इलाज करने से ही मना कर दिया। प्रसूता के परिजन ने जब दूरभाष के जरिये मामले की शिकायत शहडोल कलेक्टर डॉ.सत्येंद्र सिंह से की, जिनके हस्तक्षेप के बाद जिला चिकित्सालय में उसका इलाज शुरू हुआ।
कर्ज लेकर निजी अस्पताल में उपचार कराने को मजबूर प्रसूता
अपनी शिकायत से खफा हुईं महिला चिकित्सक मेडिकल कॉलेज से यहां आई हुई थीं, वो प्रसूता द्वारा की गई शिकायत से इतनी नाराज थीं कि, ड्रिप लगी होने के बावजूद दर्द से कराह रही प्रसुता को अस्पताल से बाहर निकाल दिया। मजबूरन प्रसूता के परिवार जन ने अपने परिचितों से रुपयों की मदद मांगी, इसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे, यहां अब महिला का उपचार किया जा रहा है।
Published on:
15 Dec 2020 08:42 pm
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