
Pets Health Alert: अब तक हम यही जानते थे कि पशुओं और मनुष्यों को होने वाली बीमारी में फर्क होता है। परंतु नए अध्ययनों से पता चला, पशुओं को भी इंसानों की तरह बीमारियां होती हैं। खासकर घरों में पालतू कुत्तों के साथ ऐसा ही है। ये इंसानों की तरह शुगर, हाई बीपी, किडनी फेल्योर और ट्यूमर जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। पालतू जानवारों में इन बीमारियों के मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में शासकीय पशु चिकित्सालय में इनका इलाज संभव नहीं हो पाता है। इस वजह से पशुप्रेमी को निजी क्लिनिक जाना पड़ता है।
केस 1:
किडनी फेल्योर के बाद जान बचाई सहायक आयुक्त आनंद राय सिंह के निवास पर डॉग की अचानक हालत बिगडऩे लगी। बाद में पता चला किडनी फेल्योर था। इसके पूर्व ऑपरेशन भी हो चुका है। चिकित्सक के परामर्श पर नियमित दवाइयां चल रही हैं।
केस 2:
हर दिन इंसुलिन डॉक्टर के अनुसार, शहडोल कलेक्टर डॉ. केदार सिंह के निवास पर डॉग सायबेरियन हस्की को लंबे समय से शुगर है। उसे इंसुलिन देना पड़ता है। उसे खाना भी शुगर फ्री ही दिया जाता है। कलेक्टर ने उसे गोद लिया था।
केस 3:
ट्यूमर भी कारण शहडोल के एक पुलिस अधिकारी के निवास पर उनका पालतू डॉग अचानक बीमार पड़ गया। चिकित्सकों ने जांच के बाद उसमें ट्यूमर की परेशानी बताई। हालांकि दवाइयों की मदद से ट्यूमर को खत्म कर उसकी जान बचा ली गई।
डॉक्टर के अनुसार, कुत्तों में हाई बीपी से हार्ट अटैक का खतरा रहता है। हाल ही में तीन लेब्रा डॉग्स की मौत के पीछे हाई बीपी के बाद हार्ट अटैक होने की बात सामने आई है। मिले हैं। ठंड में समस्या बढ़ती है।
डॉक्टर बताते हैं, कुछ कुत्तों को तो इंसुलिन का इंजेक्शन भी देना पड़ता है। इसी तरह कई कुत्तों में उच्च रक्तचाप यानी बीपी की समस्या भी पाई गई है। इन्हें भी दवाइयां दी जा रही हैं।
Published on:
09 Dec 2024 10:19 am
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