
सकारात्मक सोच से मिली मंजिल, असफलताओं से नहीं मानी हार
शहडोल. सकारात्मक सोच एक शक्ति है। इससे बड़े - बड़े मुकाम हासिल किए जा सकते हैं। सकारात्मक सोच की शक्ति से ही तमाम मुश्किलें और घोर अंधकार को भी आशा की किरणों में बदला जा सकता है। पॉजीटिव थिकिंग डे पर पत्रिका ऐसे लोगों के अनुभवों को साझा कर रहा है, जिन्हे मंजिल तक पहुंचने में कई चुनौतियों से गुजरना पड़ा।
एक नहीं दो नहीं कई बार हार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं छोटी - छोटी परीक्षाओं में भी फेल हो गए लेकिन सकारात्मक रखा तो अपनी सोच और नजरिया। सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते गए और हार नहीं मानी। छोटी परीक्षाओं में असफल होने के बाद भी मेहनत की और अब कई बड़े मुकाम हासिल कर चुके हैं।
एसआई में फेल, तीन इंटरव्यू से बाहर, अब असिस्टेंट डायरेक्टर
शहडोल में कोषालय विभाग में पदस्थ असिस्टेंट डायरेक्टर अखिलेश पाण्डेय के संघर्षो की कहानी भी प्रेरणादायी है। २०१० से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दौरान कई चुनौतियां सामने आई। एसआई की परीक्षा से बाहर हो गए। तीन बार आईबी में इंटरव्यू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया लेकिन हार नहीं मानी। सकारात्मक सोच रखी और मेहनत की। अंतत: पीएससी परीक्षा से कोषालय में असिस्टेंट डायरेक्टर पद को हासिल किया।
सीपीओ से तीन बार बाहर, छोड़ी पढ़ाई फिर बन गए एसआई
उमरिया पुलिस साइबर सेल में पदस्थ एसआई सचिन पटेल को भी काफी उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा। दो बार आरक्षक की परीक्षा उत्तीर्ण की लेकिन ज्वाइन नहीं कर पाए। सीपीओ परीक्षा से तीन बार बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। सोशल प्रेसर था तो कुछ दिन ठेकेदारी शुरू कर दी लेकिन सकारात्मक सोच रखी और लगातार मेहनत करते रहे। अंतत: बाद में एसआई की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली।
एक्सपर्ट व्यू : सकारात्मक सोच से मानसिक रचना में भी बदलाव
जिस तरह काले रंग का चश्मा पहनने पर सबकुछ काला और लाल रंग का चश्मा पहनने पर लाल दिखाई देता है। ठीक ऐसे ही जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक सोच का नजरिया होता है। नकारात्मक सोच से हमारे भीतर निराशा, दु:ख और चुनौतियां दिखाई देगी। सकारात्मक सोच से आशा और खुशियां नजर आएगी। लोगों को नजरिया बदलकर सकारात्मक रखना चाहिए। अच्छा सोचते हुए परेशानियों पर फोकस करना चाहिए। परेशानी का निराकरण किस तरह हो इस पर फोकस रहें न की परेशानियों से दूर भागें। सकारात्मक सोच के लिए व्यायाम और ध्यान जरूर करना चाहिए। नकारात्मक सोच पर अपनी मानसिक रचना में बदलाव लाएं। निगेटिव लोगों से दूर रहें और एक सूची तैयार करके रखें।
डॉ. मिलिन्द्र शिरालकर, डीन मेडिकल कॉलेज, शहडोल।
Published on:
13 Sept 2018 07:47 pm
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