
Tea Day Special - Learn the Benefits of Tea Loss Read Together
शहडोल-
चाय के फायदे
- चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं, जो स्टीमुलेटर होते हैं। इनसे शरीर में फुर्ती का अहसास होता है।
- चाय में मौजूद एल-थियेनाइन नामक अमीनो-एसिड दिमाग को ज्यादा अलर्ट और शांत रखता है।
- चाय में एंटीजन होते हैं, जो इसे एंटी-बैक्टीरियल क्षमता प्रदान करते हैं।
- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से बचाव करते हैं।
- चाय में फ्लोराइड होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में कीड़ा लगने से रोकता है।
चाय के नुकसान
- दिन भर में तीन कप से ज्यादा पीने से एसिडिटी हो सकती है।
- आयरन एब्जॉर्ब करने की शरीर की क्षमता को कम कर देती है।
- कैफीन होने के कारण चाय पीने की लत लग सकती है।
- पाचन क्रिया में दिक्कत हो सकती है।
शहडोल में बंगाल की काली चाय
शहर में इन दिनों बंगाल की काली चाय भी बहुत फेमस है। बंगाल के दो युवक चाय की होम डिलीवरी करते हैं। ये दिन भर में एक हजार रुपए से अधिक कमाते हैं। कलेक्ट्रेट, कई बैंक, आफिस, संस्थाओं में इनकी चाय काफी पसंद की जा रही है। बंगाल के तारकनाथ की चाय में पानी, चाय पत्ती, नींबू के अलावा एक खास तरह का मसाला भी होता है। जिसे ये अपने घर से लेकर आते हैं।
कैसी-कैसी चाय
सामान्य चाय- ये कई ब्रैंड्स के तहत बिकने वाली दानेदार चाय होती हैं, इसमें पत्तों को तोड़कर कर्ल किया जाता है, फिर सुखाकर दानों का रुप दिया जाता है। इससे चाय में टेस्ट, और महक बढ़
जाती है।
ग्रीन टी- ये चाय के पौधे के ऊपर के कच्चे पत्ते से बनती है, सीधे पत्तों को तोड़कर भी चाय बना सकते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होते हैं। ग्रीन टी फायदेमंद होती है, अगर बिना दूध और सुगर के पी जाए। इसमें कैलोरी भी नहीं होती है।
हर्बल टी- इसी ग्रीन टी से हर्बल और ऑर्गेनिक चाय तैयार की जाती है। ग्रीन टी में कुछ जड़ी-बूटियां मसलन तुलसी, अश्वगंधा, इलायची, दालचीनी आदि मिला देते हैं तो हर्बल टी तैयार होती है। इसमें कोई एक या तीन-चार हर्ब मिलाकर भी डाल सकते हैं। ये बाजार में भी पैकेट में मिल जाती है। हर्बल टी सर्दी-खांसी में काफी फायदेमंद होती है, इसलिए लोग दवा की तरह भी इसका उपयोग करते हैं।
ऑर्गेनिक टी- जिस चाय के पौधों में पेस्टिसाइड और केमिकल फर्टिलाइजर आदि नहीं डाले जाते, उसे ऑर्गेनिक टी कहा जाता है। यह सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
व्हाइट टी- यह सबसे कम प्रोसेस्ड टी है। कुछ दिनों की कोमल पत्तियों से इसे तैयार किया जाता है। इसका हल्का मीठा स्वाद काफी अच्छा होता है। इसमें कैफीन सबसे कम और एंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होते हैं। इसके एक कप में सिर्फ 15 मिग्रा कैफीन होता है, जबकि ब्लैक टी के एक कप में 40 और ग्रीन टी में 20 मिग्रा कैफीन होता है।
ब्लैक टी- कोई भी चाय दूध व चीनी मिलाए बिना पी जाए तो उसे ब्लैक टी कहते हैं। ग्रीन टी या हर्बल टी को तो आमतौर पर दूध मिलाए बिना ही पिया जाता है।
इंस्टेंट टी- इस कैटिगरी में टी बैग्स आदि आते हैं, यानी पानी में डालो और तुरंत चाय तैयार। टी बैग्स में टैनिक एसिड होता है, जो नैचुरल एस्ट्रिंजेंट होता है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से टी-बैग्स को कॉस्मेटिक्स आदि में भी यूज किया जाता है।
लेमन टी- नीबू की चाय सेहत के लिए अच्छी होती है, क्योंकि चाय के जिन एंटी-ऑक्सिडेंट्स को बॉडी एब्जॉर्ब नहीं कर पाती, नीबू डालने से वे भी एब्जॉर्ब हो जाते हैं।
Published on:
15 Dec 2017 03:17 pm
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