27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इस छोटे से कारोबार में कितना कमाते हैं ये लोग जानकर चकरा जाएंगे

हर दिन होता है 5 लाख से अधिक का कारोबार, कई चाय वाले कमाते हैं लाखों रुपए

4 min read
Google source verification
You will be stunned by the income of the tea people here

You will be stunned by the income of the tea people here

शहडोल- (अखिलेश शुक्ला)'चायवाला ये शब्द अब चायवाले के मन में कसैला स्वाद पैदा नहीं करता बल्कि उसे लगता है कि उसका रुतबा बढ़ गया है। चंद वर्ष पहले चुस्कियों तक सीमित रहने वाली चाय अब हर ओर चर्चा में है। राजनीति में चाय, महफिल में चाय, हर गली-चौराहे नुक्कड़ पर चाय। चाय अब सिर्फ चाय नहीं रही बल्कि चाह बन गई है। या कहें कि चाय जेरे बहस यूं नहीं है बल्कि हर किसी के जीवन में चाय जुड़ गई है। चाय की अर्थव्यवस्था का यदि हिसाब लगाने बैठेंगे तो हो सकता है कि आप चकरा जाएं। शहडोल जैसे छोटे शहर में एक अनुमान के मुताबिक पांच लाख रुपए से अधिक की हर रोज चाय बिकती है। यहां पर कई चाय बेचने वालों की इनकम भी हर महीने लाखों रुपए में है।

कम लागत में चोखा बिजनेस
संजय सोनी जिनकी उम्र 40 साल है और वो पिछले 21 साल से चाय बेच रहे हैं। चाय ऐसा बिजनेस है को एक हजार रुपए में भी शुरू हो जाता है। जहां जगह मिले वहां दुकान जमाइए। ग्राहकी खत्म हो सारी
दुकान समेटिए और चलते बनिए। ग्राहक तो चाय के लिए खोजने नहीं पड़ते। चाय के बिजनेस से पढ़े लिखे युवा भी जुड़ रहे हैं। शहडोल में पिछले एक साल में कई चाय की दुकानें खुलीं हैं। कलेक्ट्रेट से गांधी चौक के बीच का फासला मुश्किल से एक किमी का है लेकिन यहां पर 50 से अधिक चाय की दुकानें हैं। जिनके अपनी बंधी हुई ग्राहकी है। चाय कहां सप्लाई करनी है, ये पहले से तय है।

चाय के फायदे
- चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं, जो स्टीमुलेटर होते हैं। इनसे शरीर में फुर्ती का अहसास होता है।
- चाय में मौजूद एल-थियेनाइन नामक अमीनो-एसिड दिमाग को ज्यादा अलर्ट और शांत रखता है।
- चाय में एंटीजन होते हैं, जो इसे एंटी-बैक्टीरियल क्षमता प्रदान करते हैं।
- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट तत्व शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से बचाव करते हैं।
- चाय में फ्लोराइड होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में कीड़ा लगने से रोकता है।

चाय के नुकसान
- दिन भर में तीन कप से ज्यादा पीने से एसिडिटी हो सकती है।
- आयरन एब्जॉर्ब करने की शरीर की क्षमता को कम कर देती है।
- कैफीन होने के कारण चाय पीने की लत लग सकती है।
- पाचन क्रिया में दिक्कत हो सकती है।

ये भी जान लीजिए
- चाय की खोज 1815 में कुछ अंग्रेज यात्रियों ने की थी।1834 में भारत के गवर्नर लॉर्ड बेटिंक ने पूरे भारत में इसको पहुंचाने और उसका उत्पादन बढ़ाने के लिए एक समिति का गठन किया था। और 1835 में - असम में चाय के बागानों को लगाया गया।
- चाय पीने का पहला आधिकारिक उल्लेख चीन में चौथी शताब्दी ई.पू. मिलता है, लेकिन किसी लिखित दस्तावेज में जिक्र 350 ई. में मिलता है।
- चाय का उत्पादन भारत और चीन में सबसे ज्यादा होता है।
- आज भारत दुनियाभर में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन करता है। इसमें से 70 फीसदी की खपत देश में ही हो जाती है।

मेडिसिनल वैल्यू
चाय को कैंसर, हाई कॉलेस्ट्रॉल, एलर्जी, लिवर और दिल की बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है। कई रिसर्च कहती हैं कि चाय कैंसर व ऑर्थराइटस की रोकथाम में भूमिका निभाती है और बैड कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करती है। साथ ही, हार्ट और लिवर संबंधी समस्याओं को भी कम करती है।

शहडोल में बंगाल की काली चाय
शहर में इन दिनों बंगाल की काली चाय भी बहुत फेमस है। बंगाल के दो युवक चाय की होम डिलीवरी करते हैं। ये दिन भर में एक हजार रुपए से अधिक कमाते हैं। कलेक्ट्रेट, कई बैंक, आफिस, संस्थाओं में इनकी चाय काफी पसंद की जा रही है। बंगाल के तारकनाथ की चाय में पानी, चाय पत्ती, नींबू के अलावा एक खास तरह का मसाला भी होता है। जिसे ये अपने घर से लेकर आते हैं।

कैसी-कैसी चाय
सामान्य चाय- ये कई ब्रैंड्स के तहत बिकने वाली दानेदार चाय होती हैं, इसमें पत्तों को तोड़कर कर्ल किया जाता है, फिर सुखाकर दानों का रुप दिया जाता है। इससे चाय में टेस्ट, और महक बढ़
जाती है।

ग्रीन टी- ये चाय के पौधे के ऊपर के कच्चे पत्ते से बनती है, सीधे पत्तों को तोड़कर भी चाय बना सकते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होते हैं। ग्रीन टी फायदेमंद होती है, अगर बिना दूध और सुगर के पी जाए। इसमें कैलोरी भी नहीं होती है।

हर्बल टी- इसी ग्रीन टी से हर्बल और ऑर्गेनिक चाय तैयार की जाती है। ग्रीन टी में कुछ जड़ी-बूटियां मसलन तुलसी, अश्वगंधा, इलायची, दालचीनी आदि मिला देते हैं तो हर्बल टी तैयार होती है। इसमें कोई एक या तीन-चार हर्ब मिलाकर भी डाल सकते हैं। ये बाजार में भी पैकेट में मिल जाती है। हर्बल टी सर्दी-खांसी में काफी फायदेमंद होती है, इसलिए लोग दवा की तरह भी इसका उपयोग करते हैं।

ऑर्गेनिक टी- जिस चाय के पौधों में पेस्टिसाइड और केमिकल फर्टिलाइजर आदि नहीं डाले जाते, उसे ऑर्गेनिक टी कहा जाता है। यह सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

व्हाइट टी- यह सबसे कम प्रोसेस्ड टी है। कुछ दिनों की कोमल पत्तियों से इसे तैयार किया जाता है। इसका हल्का मीठा स्वाद काफी अच्छा होता है। इसमें कैफीन सबसे कम और एंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होते हैं। इसके एक कप में सिर्फ 15 मिग्रा कैफीन होता है, जबकि ब्लैक टी के एक कप में 40 और ग्रीन टी में 20 मिग्रा कैफीन होता है।

ब्लैक टी- कोई भी चाय दूध व चीनी मिलाए बिना पी जाए तो उसे ब्लैक टी कहते हैं। ग्रीन टी या हर्बल टी को तो आमतौर पर दूध मिलाए बिना ही पिया जाता है।

इंस्टेंट टी- इस कैटिगरी में टी बैग्स आदि आते हैं, यानी पानी में डालो और तुरंत चाय तैयार। टी बैग्स में टैनिक एसिड होता है, जो नैचुरल एस्ट्रिंजेंट होता है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से टी-बैग्स को कॉस्मेटिक्स आदि में भी यूज किया जाता है।

लेमन टी- नीबू की चाय सेहत के लिए अच्छी होती है, क्योंकि चाय के जिन एंटी-ऑक्सिडेंट्स को बॉडी एब्जॉर्ब नहीं कर पाती, नीबू डालने से वे भी एब्जॉर्ब हो जाते हैं।

ग्रीन टी पीती हैं फेमिना मिस इंडिया
मॉडल और फेमिना मिस इंडिया मध्यप्रदेश विनर आद्या श्रीवास्तव बताती हैं कि उन्हें ग्रीन टी ही पीना पसंद है। क्योंकि वो उनकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। आद्या के मुताबिक ग्रीन टी बहुत हेल्दी होती है। अगर आप वेट लूज करना चाहते हैं और चेहरे पर ग्लो लाना है तो ग्रीन टी पिएं।

मॉडल जया चतुर्वेदी को पसंद है ये चाय
मॉडल और अभिनेत्री जया चतुर्वेदी बताती हैं अगर चाय पीना ही है तो ग्रीन टी लीजिए। क्योंकि वो आपको तरोताज कर देता है। सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। पूरे स्ट्रेस को दूर कर देता है। इतना ही नहीं वेट मेंटेन करना, इसके अलावा हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है।

चाय में चीनी कम हो तो ही अच्छा
डॉक्टर धर्मेंन्द्र द्विवेदी का कहना है कि चाय में चीनी कम हो तो ही अच्छा है। चीनी मोटापे को बढ़ा देगी। डायबिटीज के मरीज हैं तो तब बहुत नुकसानदायक है। इसके अलावा दूध वाली गैस बढ़ाती है। ये पाचन तंत्र को प्रभावित करती है। उनका कहना है कि यदि कम ही चाय पिएं तो अच्छा है।