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बड़े स्तर पर चल रहा था मिलावट का खेल, जब एसडीएम ने दी दबिश, तो हुए कई बड़े खुलासे

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The game of adulteration was going on a large scale

शहडोल- शहर में संचालित रमेश तेल दुकानों में नकली और मिलावटी तेल की सप्लाई कर रहा था। गोदाम में बड़े स्तर पर गंदगी के बीच पुराने तेल में मिलावट कर नया तेल बनाया जा रहा था। इतना ही नहीं डोरी के तेल को सरसो का बेहतर ब्रांड बताकर बिक्री की जा रही थी।

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद एसडीएम सोहागपुर लोकेश कुमार जांगीड़ ने दबिश दी। यहां पर बड़े स्तर पर तेल के मिलावट का खेल चल रहा था। एसडीएम और खाद्य एवं औषधि प्रबंधन विभाग की टीम ने दबिश देकर तेल की खेप जब्त करते हुए सेंपल लिया है।

एसडीएम सोहागपुर लोकेश जांगीड़ के अनुसार रमेश तेल मिल में दबिश दी गई। यहां पर गोदाम में गंदगी के बीच ड्रम में पुराने तेल को गर्म किया जा रहा था। इसके बाद ड्रम में अन्य खराब तेल को मिलाकर केमिकल मिलाते हुए नया तेल बनाया जा रहा था। कार्रवाई के बाद तेल और राइस दाल मिल
संचालकों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

डोरी के तेल से ब्रांडेड सरसों का तेल
एसडीएम के अनुसार यहां पर डोरी के तेल से ब्रांडेड सरसों का तेल तैयार किया जा रहा था। दो अलग- अलग तरह से तेल पैक किया जा रहा था। एक लोकल तेल में मिलावट की जा रही थी तो वहीं दूसरी ओर कई ब्रांडेड तेल की पैकिंग को खोलकर पुराना खराब और डोरी का तेल मिलावट किया जा रहा था। अलग अलग तरह के तेल पैक होने के बाद बड़ी दुकानों में बिक्री के लिए सप्लाई कर दिया जाता था। टीम अन्य रिकार्ड भी खंगाल रही है। जिससे और तथ्य उजागर हो सकते हैं।

चंद पैसों के लिए कब तक जान का सौदा
शहर के बीच तेल, राइस, दाल मिल में बड़े पैमानें पर मिलावट का खेल चल रहा है। ऐसा भी नहीं कि इसकी जानकारी आला अफसरों को नहीं है। खाद्य एवं औषधि प्रबंधन विभाग के अफसर और कई बड़े
अधिकारी मिल संचालकों की करतूत जानने के बाद भी अंजान बने रहते हैं। शहर में मिलावट के खेल से अफसर भी वाकिफ हैं। इसके बाद भी चंद पैसों के लिए जान का सौदा किया जा रहा है, आखिर कब तक ऐसे ही विभाग के अफसर मौन रहेंगे और ये बड़े मिलावटखोर यूं कि जान से खिलवाड़ करते रहेंगे।

एक्सपायरी के बाद बना देते थे नया तेल
एसडीएम की दबिश से रमेश तेल मिल में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यहां तेल मिल संचालक हेरफेर करते हुए एक्सपायरी होने के तेल में भी नई स्लिप लगाकर बेच देते थे। यहां पर 65 लीटर ऐसे तेल
की बोतल जब्त हुई हैं, जो एक्सपायर हो चुकी थी और संचालक ने हेरफेर करते हुए नए तिथि की डेट चपका दी थी। इतना ही नहीं मौके से साढ़े 22 सौ लीटर तेल जब्त किया गया है, जिनकी कोई मैनुफैक्चरिंग ही नहीं थी। टीम ने संभावना जताई है कि एक्सपायर तिथि के तेल को बेचने के लिए रखा गया था।

इनका कहना है
सोहागपुर एसडीएम लोकेश जांगीड़ के मुताबिक रमेश मिल संचालक के खिलाफ लगातार शिकायत मिल रही थी। मिल में दबिश दी गई। गंदगी के बीच पुराने तेल में मिलावट करते हुए नया तेल बनाया जा रहा था। डोरी के तेल को ब्रांडेड तेल में रिपैक कर मार्केट में सप्लाई किय जा रहा था। साढे 22 सौ लीटर में कोई मैनुफैक्चरिंग नहीं थी। इसके अलावा एक्सपायरी डेट को दबाकर नए डेट लगाकर तेल बिक्री के लिए रखा था।