20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

परेशानी : अमरकंटक के बाद उत्कल एक्सप्रेस से यात्री परेशान, हर दिन 10 घंटे देरी से पहुंच रही ट्रेन

ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला नहीं हो रहा कम

2 min read
Google source verification
परेशानी : अमरकंटक के बाद उत्कल एक्सप्रेस से यात्री परेशान, हर दिन 10 घंटे देरी से पहुंच रही ट्रेन

परेशानी : अमरकंटक के बाद उत्कल एक्सप्रेस से यात्री परेशान, हर दिन 10 घंटे देरी से पहुंच रही ट्रेन

शहडोल. रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्रियों को 8-10 घंटे स्टेशन में गुजारने को मजबूर होना पड़ता है। इधर रेलवे प्रबंधन सुचारू रूप से यात्रियों को सुविधा देने ठोस कदम नहीं उठा रहा है, जिसके कारण यात्री को काफी समय से बिलासपुर व जबलपुर रूट में जाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। कुछ दिनों पहले ट्रेनों की समय सारणी सुधारने के लिए कुछ ट्रेनों को कैंसल किया गया था। इस व्यवस्था से अमरकंटक एक्सप्रेस के समय में सुधार तो आया है लेकिन उत्कल एक्सप्रेस के अप एंड डाउन ट्रेन की हालत जस की तस बनी हुई है। रेलवे के जानकारों ने बताया कि बीते कुछ दिनों से पुरी से चलकर ऋषिकेस जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस जिसके शहडोल पहुंचने का समय शाम 6.15 बजे है जो 8-10 घंटे लेट आ रही है। रविवार को यह ट्रेन करीब 14 घंटे लेट होकर सुबह 8.30 बजे शहडोल पहुंची। इसी तरह सोमवार को 9 घंटे से अधिक लेट आई। मंगलवार को भी यही स्थिति थी। सुबह आने वाली उत्कल शाम तक नहीं पहुंची थी। इस दौरान दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र के यात्री परेशान होते रहे। रेलचे कर्मचारियों की मानें तो स्टाफ की कमी भी एक बड़ी समस्या है।

इन स्टेशनों में होती है ट्रेन लेट

रेलवे के जानकारों ने बताया कि पहले 300-400 मालगाड़ी चलती थी। अब यह बढ़कर 700-800 तक पहुंच गई है, जिसके कारण यात्री ट्रेनें पिट रही हंै। बिलासपुर से कटनी के बीच दो रेल लाइन संचालित है। मालगाडिय़ों को निकलाने पहले प्राथमिकता दी जाती है। जिसके कारण यात्री ट्रेनों को बंधवा, कटनी, सिंहपुर व बिलासपुर के स्टेशनों में रोक दिया जाता है, और यहीं से ट्रेनों के लेट होने का कारण बनता है।

रात में होती हैं ट्रेनें लेट

यात्री ट्रेनों को अक्सर रात में रोका जाता है। रेलवे कर्मचारियों की माने तो रात में सभी यात्री सो जाते हैं, जिन्हे ट्रेन खड़ी होने का आभास नहीं होता। इतना ही नहीं अब स्टेशनों में ऑटोमेटिक सेक्सन सिंग्नल लगाया जो एक ट्रेन निकलने के बाद ही दूसरे ट्रेन के लिए अपने समय से खुलता है।