
ग्रामीण क्षेत्रों में समूह की महिलाएं करेंगी पशुओं की टैगिंग, प्राथमिक उपचार व टीकाकरण
शहडोल. ग्रामीण क्षेत्रो में अब पशुओं को आसानी से प्राथमिक उपचार मिल सकेगा। इसके लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं को तैयार किया गया है। यह महिलाएं ग्रामीण अंचलो में पशुओं के समुचित उपचार के साथ ही नस्ल सुधार के लिए कार्य करेंगी। इससे जहां पुशओं को समुचित स्वास्थ्य लाभ होगा वहीं पशुओं की उन्नत किस्म की नस्लें भी तैयार होंगी। शासन की मंशानुरूप महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर तथा पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने समूह की महिलाओं को पशु पालन व नस्ल सुधार सहित अन्य क्षेत्रो में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी तारतम्य में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को ए-हेल्प सखी का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड आणंद गुजरात द्वारा ए-हेल्प सखी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें पशुपालन विभाग एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयास से मिशन अंतर्गत कार्यरत 25 पशु सखियों का 17 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान कल्याणपुर में आयोजित किया गया। इस दौरान पशु चिकित्सकों ने पशु सखियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। पशु सखियों को पशुओं की टैगिंग, संतुलित पोषण आहार, टीकाकरण, प्राथमिक उपचार, पशु बीमा, दुग्ध संघ एवं सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। साथ ही पशुसखियों का एनडीडीबी एवं एनएआर संस्था द्वारा आंकलन किया गया, जिसमें समस्त प्रतिभागी उत्तीर्ण हुए। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर डॉ. उमेश कुमार मिश्रा उपसंचालक पशुपालन विभाग, विष्णुकांत विश्वकर्मा जिला परियोजना प्रबंधक आजीविका मिशन, संदीप दीक्षित जिला प्रबंधक आजीविका मिशन, डॉ राजेश दीवान, डॉ विनीत केशरी, डॉ शिवम अर्क मास्टर ट्रेनर, डॉ दीपक पाण्डेय, सत्यम सिंह, दुर्गेश गुप्ता, शुभांगी ताम्रकार आरसेटी उपस्थित रहे।
Published on:
25 Jan 2024 12:24 pm
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