
Youngest Eye Donor Shahdol News
भोपाल. मध्यप्रदेश की एक मासूम बिटिया की आंखों से किसी और की दुनिया रोशन होगी. 18 जुलाई 2021 को जन्मी बिटिया अपराजिता की 18 दिनों में ही मौत हो गई थी. माता—पिता ने अपराजिता की आंखें दान करने का निर्णय ले लिया था. इस तरह मौत की बाद भी अपराजिता इस दुनिया को देखते रहेगी.
प्रदेश के शहडोल के निवासी धीरज गुप्ता और उनकी पत्नी राजश्री ने समाज के समक्ष अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है. उनकी बेटी अपराजिता की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बेटी की मौत के तुरंत बाद उन्होंने नेत्रदान का फैसला लिया। इस तरह उन्होंने दो लोगों को आंखों की राेशनी दे दी।
धीरज गुप्ता और उनकी पत्नी राजश्री झारखंड में रहते हैं. शादी के करीब तीन साल के बाद बेटी का जन्म हुआ था जिसका नाम उन्होंने अपराजिता रखा। बच्ची के शरीर में फूड पाइप विकसित नहीं हुआ था। उसका ऑपरेशन भी किया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
बिटिया की मौत के बाद माता-पिता ने कश्यप आई हॉस्पिटल से संपर्क कर नेत्रदान की इच्छा जताई। अस्पताल की टीम ने तुरंत पहुंच कर बच्ची का कॉर्निया रिट्रिव किया और उसे आई बैंक में सुरक्षित रखा गया। बाद में दो लोगों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर दी गई।
धीरज गुप्ता और राजश्री गुप्ता के अनुसार बेटी की आंखें बहुत सुंदर थी. उसके जन्म के बाद से ही सिर्फ उसकी प्यारी आंखें ही दिखाई देती थीं। इसलिए दान देने का निर्णय लिया. उन आंखों से अब दो लोग दुनिया देख रहे हैं। नेत्रदान के लिए अब गुप्ता दंपत्ति को झारखंड के राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
Published on:
28 Aug 2021 09:13 am
बड़ी खबरें
View Allशहडोल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
