
शाहजहांपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर गुरुवार को शाहजहांपुर की पुलिस लाइन में महिला सशक्तिकरण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें तमाम विभागों में नौकरी करने वाली महिलाओं के बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन महिलाओं ने कार्यशाला में आए बरेली जोन के आईजी डीके ठाकुर को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान एक महिला प्रोफेसर ने ऐसी बात कही, जिसे हर महिला को जानना चाहिए।
महिलाएं अपनी शक्ति को पहचाने
कार्यशाला में आईं प्रोफेसर डॉक्टर ज्योति गुप्ता ने बताया कि महिलाएं खुद को वस्तु समझना बंद कर दें। अपनी शक्ति को पहचाने। समाज का लकवाग्रस्त हिस्सा न बनें। प्रोफेसर ने कहा कि महिलाओं को खुद साबित करने की जरूरत नहीं है कि वे पुरुषों से बेहतर है। खुद को इतना मजबूत बनाएं कि ये समाज महिलाओं के बिना चलने की सोच भी न सके। उन्होंने बताया कि समाज की रीति-रिवाज के चलते उनकी शादी चलती कर दी गई, लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी। ससुराल में आकर उन्होंने एमएससी और पीएचडी किया। हालांकि उन्हें इसके लिए चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा। क्योंकि उन्हें ससुराल और मायके से भरपूर सहयोग मिला। आज वो दोनों परिवारों की जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं।
आईजी डीके ठाकुर ने बढ़ाया हौसला
इससे पहले आईजी डीके ठाकुर ने संबोधन कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यते, रमन्ते तत्र देवता, लेकिन अपराधियों को इस सबसे कोई मतलब नहीं होता। पुलिस ऐसे अपराधियों से भी बखूबी निपटना जानती है। आईजी ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। अगर किसी महिला को कोई भी परेशानी हो तो वे उनके फोन पर अपनी समस्या बताएं। अगर महिला अपनी पहचान नहीं उजागर करना चाहती है तो भी पुलिस उनकी मदद करेगी। ठाकुर ने कहा किसी भी कीमत पर महिलाओं को अत्याचार बर्दाश्त नहीं करना है। अपराधी को खुली चुनौती देकर उसे मुंहतोड़ जवाब देना है। जिससे अपराधी आगे किसी भी महिला के साथ अपराध करने की हिम्मत न जुटा सके।
Updated on:
08 Mar 2018 07:30 pm
Published on:
08 Mar 2018 07:26 pm
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