
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। एमपी एमएलए कोर्ट ने गुरूवार को ये वारंट जारी किया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि स्वामी को कोर्ट में पेश किया जाए। चिन्मयानंद के वकील ने कोर्ट में उनकी उम्र का हवाला देकर नरमी बरतने की अपील की लेकिन अपर मुख्य मजिस्ट्रेट ने सु्प्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए सख्त रवैया अपनाए रखा।
28 नवंबर को स्वामी चिन्मयानंद के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दिया है। उसमें कहा गया है कि पार्थी गंभीर बीमारियों की वजह से कोर्ट में पेश नहीं हो पाया है। कोर्ट में पेश होने के लिए उन्हें कुछ समय दिया जाए। फिलहाल उस पर अभी सुनवाई होना बाकी है।
कोर्ट में पेश नहीं हुए स्वामी चिन्मयानंद
स्वामी चिन्मयानंद की कल यानी गुरूवार को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई थी लेकिन वें बीमारी की हवाला देते हुए कोर्ट में नहीं पहुंचे। कोर्ट ने इस पर नाराजगी वक्त की। कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधीक्षक और थानाध्यकों की मौजूदगी में 9 दिसबंर को स्मामी चिन्मयानंद को कोर्ट में पेश किया जाए।
केस को वापिस लेना चाहती थी बीजेपी सरकार
साल 2011 में चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने रेप का आरोप लगाया था। पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। बाद में यह केस एमपी एमएलए कोर्ट में चला गया। जब 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी तब इस केस को वापिस लेने की कोशिश की गई। कोर्ट ने इस केस को लोकहित से जुड़ा बताते हुए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था।
Updated on:
02 Dec 2022 11:51 am
Published on:
02 Dec 2022 11:49 am
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