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चिन्मयानंद प्रकरण: शतंरज की बिसात पर दोनों पक्षों ने चली थी चाल और दोनों ही हार गए…पढ़िए खास रिपोर्ट!

देशभर में चर्चित चिन्मयानंद प्रकरण को विस्तार से जानने के लिए पढ़िए विश्लेषण रिपोर्ट।

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Chinmayanad case

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शाहजहांपुर। इन दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद का मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पूरे प्रकरण में दोनों ही पक्ष पीड़ित हैं, वहीं दोनों ही आरोपी भी हैं। फिलहाल इस पूरे मामले से जुड़े सारे आरोपी जेल में हैं। इस पूरे प्रकरण का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि दोनों ही ओर से ये मामला सौदेबाजी से जुड़ा हुआ है। एक पक्ष की ओर से मदद के बहाने शारीरिक शोषण की वसूली की गई तो दूसरे पक्ष ने अपने साथ हुए शोषण को भुनाने की कोशिश की और मोटी कीमत वसूलनी चाही। शतंरज की बिसात पर चालें तो दोनों पक्षों ने चलीं, लेकिन जीत कोई भी नहीं सका। आइए शुरुआत से इस पूरे प्रकरण पर नजर डालते हैं और समझते हैं सौदेबाजी के इस पूरे खेल को।

मदद के नाम पर शुरू हुई गंदे खेल की कहानी
वर्ष 2013 में छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज में पांच साल की एलएलबी की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया। एलएलबी की पढ़ाई के दौरान सब कुछ सही था। वर्ष 2018 में उसने एलएलएम में पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया। तब छात्रा ने परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने का हवाला देकर विद्यालय के प्राचार्य से बात करके मदद मांगी। प्राचार्य ने कॉलेज के मालिक चिन्मयानंद से मिलने की सलाह दी। इसके बाद जब छात्रा पिछले साल चिन्मयानंद से मिली तब शुरू हुई गंदे खेल की कहानी।

शुरुआत चिन्मयानंद ने की
खेल की शुरुआत चिन्मयानंद ने की। चिन्मयानंद ने छात्रा की मदद के नाम पर पहले तो उसे फीस में छूट दी। इसके बाद जुलाई में अर्न एंड लर्न स्कीम के तहत ई लाइब्रेरी में नौकरी दी। नौकरी के दौरान छात्रा को पांच हजार रुपए मिलने शुरू हो गए। इसके बाद उसे विद्यालय के हॉस्टल में रहने के लिए कमरा दिया। फिर एक दिन उसे अपने आवास दिव्यधाम बुलाया। छात्रा के बताए अनुसार आवास पर चिन्मयानंद ने उसके साथ अश्लील हरकत की। जब छात्रा ने विरोध किया तो उसके पीछे गुर्गे लगा दिया। एक दिन बाथरूम में नहाते समय उसका वीडियो बनवा लिया। इसके बाद वीडियो दिखाकर वायरल करने की धमकी दी और छात्रा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

शारीरिक शोषण के बदले परिवार की मदद
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चिन्मयानंद जब भी अपने आश्रम में मौजूद होता तो अपने गुर्गे भेजकर छात्रा को दो बार अपने पास बुलाता था। सुबह 6 बजे मालिश के लिए बुलाता था, फिर क्लास खत्म होने के बाद 2:30 बजे बुलाता था, इस दौरान वो छात्रा के साथ गलत काम करता था और विरोध करने पर उसे पीटता था। इसके बदले में वो छात्रा के परिवार की मदद भी कर देता था। इसी साल मई में चिन्मयानंद ने छात्रा की मां को भी मुमुक्षु संकुल के कॉलेज में सहायक अध्यापक की नौकरी दी। वहीं पिता को नौकरी का आश्वासन दिया था, ताकि छात्रा चुप रहे।

करतूत उजागर करने के लिए खरीदा कैमरे वाला चश्मा
छात्रा अपने साथ होने वाले शोषण से परेशान हो चुकी थी, लिहाजा एक दिन उसने पूरी बात अपने दोस्त संजय सिंह को बतायी। चिन्मयानंद के रसूख को देखते हुए उससे सीधे तौर पर पंगा नहीं लिया जा सकता था, इसलिए छात्रा ने संजय के साथ मिलकर चिन्मयानंद की करतूतों को खुफिया तरीके से कैद करने की योजना बनायी। ताकि चिन्मयानंद की काली करतूतों को उजागर किया जा सके। इस योजना में संजय के दो अन्य साथी विक्रम और सचिन को भी शामिल किया गया। छात्रा ने चिन्मयानंद का वीडियो बनाने के लिए खुफिया कैमरे वाला चश्मा ऑनलाइन खरीदा। इसके बाद चिन्मयानंद के वीडियो बनाने शुरू किए और 42 वीडियो बनाए।

वीडियो बनाने के बाद रंगदारी की बनी योजना
इसी बीच छात्रा व उसके साथियों का खुराफाती दिमाग मामले में न्याय पाने के बजाय वसूली की ओर चला गया। इसके बाद छात्रा व उसके साथियों ने मिलकर चिन्मयानंद को ब्लैकमेल करके रंगदारी मांगने की योजना तैयार की। सारी बात लगभग तय थी, पर अचानक एक मैसेज ने सारा खेल बिगाड़ दिया। उसके बाद जो हुआ वो हम सबने देखा और सुना।

फंसे तो दोनों ओर से वायरल किए गए वीडियो
छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ फेसबुक लाइव कर मदद मांगी। एसआईटी की जांच शुरू हुई। दोनों पक्षों की ओर से वीडियो वायरल किए गए। चिन्मयानंद के नग्नावस्था में मालिश का वीडियो सामने आया, वहीं छात्रा व उसके साथियों की ओर से रंगदारी मांगे जाने का वीडियो भी वायरल हुआ।

गिरफ्तारी के बाद चिन्मयानंद ने आरोप स्वीकारे
हालांकि चिन्मयानंद ने इसे छवि खराब करने की साजिश बताया। इसके बाद छात्रा ने चिन्मयानंद के खिलाफ तमाम सुबूत एसआइटी को सौंपे। जिसके आधार पर छात्रा का गुनाहगार मानते हुए एसआईटी ने 16 सितंबर को चिन्मयानंद को उसके आश्रम से गिरफ्तार किया। चिन्मयानंद पहले तो आरोपों को झुठलाते रहे, लेकिन प्रमाण सामने आने के बाद उन्होंने आरोप स्वीकार किए और कहा मैं शर्मिंदा हूं। इसके बाद चिन्मयानंद को कोर्ट ने जेल भेज दिया। जेल में चिन्मयानंद की तबियत खराब हो गई जिसके बाद उन्हें एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया है। फिलहाल वहां उनका इलाज चल रहा है।

IMAGE CREDIT: patrika

25 सितंबर को छात्रा को एसआईटी ने किया गिरफ्तार
चिन्मयानंद की गिरफ्तारी के तुरंत बाद एसआईटी ने संजय सिंह समेत छात्रा के तीनों दोस्तों को भी रंगदारी के मामले में गिरफ्तार किया। तीनों ने इस मामले में अपनी गलती स्वीकार की। लेकिन छात्रा लगातार इस मामले में फंसाने की साजिश की बात कह रही थी। गिरफ्तारी से बचने के छात्रा कोर्ट की शरण में भी गई। लेकिन एसआईटी ने उसके खिलाफ भी तमाम साक्ष्य इकट्ठे किए और 25 सितंबर की सुबह छात्रा को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल कोर्ट ने छात्रा को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

फिलहाल सभी आरोपी जेल में
इस दौरान छात्रा के दोस्तों ने एसआईटी को बताया कि रंगदारी मांगने के मामले में छात्रा की प्रमुख भूमिका थी। एसआईटी ने बताया कि वीडियो क्लिप देखने के बाद छात्रा ने भी रकम मांगने की बात स्वीकार कर ली है। फिलहाल इस पूरे प्रकरण से जुड़े सभी आरोपी जेल में हैं।


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