
सावधान...! कहीं बीमार न कर दें ये खाद्य सामग्री, जमकर हो रही मिलावट
शाजापुर.
यूं तो खाद्य सामग्रियों में मिलावटखोरी हर समय जारी रहती है, लेकिन त्योहारों के नजदीक आते ही मिलावट और बढ़ जाती है। जिले में मिलावटखोरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने जो नमूने खाद्य सामग्री की दुकानों से लिए हैं उनमें आधे सेंपल भोपाल लेब में जांच के बाद फेल हो गए। यानी जिले में मिलावटखोरी का धंधा जोरों पर हैं। बता दें कि आगामी दिनों में रक्षाबंधन, गणेशोत्सव जैसे पर्व हैं। जिसे लेकर मिलावटखोर सक्रिय है। इधर खाद्य सुरक्षा विभाग का मानना है कि लगातार खाद्य सामग्रियों की जांच की जा रही है। समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। सेंपल फेल होने पर प्रकरण न्यायालय में भेज दिया जाता है।
खाद्य एवं औषधी सुरक्षा विभाग के इंस्पेक्टर आरके कांबले और एसएस खत्री ने १ जनवरी से ३१ जुलाई तक खाद्य सामग्रियों के ३६ सेंपल लिए। जिन्हें जांच के लिए भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा गया। जहां से १४ सेंपल फेल पाए गए। फेल सेंपलों में हल्दी, तुअर दाल, चना दाल, जीरा, मावा, मावा बर्फी, मगज के लड्डू, मलाई टिक्का, लाल मिर्च पाउडर के ३ सेंपल, दही और नमकीन शामिल हैं। इन फेल सेंपलों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में कितनी सामग्रियों में मिलावटी सामान बिक रहा है।
दुकान संचालक उठा रहे फायदा
बता दें कि आमजन को आसानी से पता नहीं लग पाता कि किस सामग्री में कितनी मिलावट हैं। इस भरपूर फायदा दुकान संचालक उठाते हैं। जिले में खाद्य व औषधीय विभाग के पास केवल जिला मुख्यालय पर २ निरीक्षक होने से सभी खाद्य पदार्थ दुकानों तक पहुंचना व जांच करना इनके लिए संभव नहीं हो रहा है। इससे जांच ४० फीसदी दुकानों तक ही सीमित रह जाती है। जिसका खामियाजा आमजन को उठाना पड़ता है। बाजार में दुकानों से लोग पसंदीदा सामग्री की खरीदी कर रहे है। शुद्धता का पैमाना किसमें कितना है, यह जांच का जिम्मा खाद्य निरीक्षकों का है। लेकिन दो लोगों के भरोसे पूरे जिले की जांच संभव नहीं हो पा रही है।
एक माह में ४ सेंपल फेल
जुलाई माह में खाद्य सुरक्षा विभाग ने निरीक्षण के दौरान सेंपल लिए, जिनमें मां कैलादेवी मसाला भंडार कालापीपल से हल्दी, कल स्टोर्स सोमवारिया बाजार शाजापुर से तुअर दाल, चना दाल और मनोज किराना स्टोर्स अ. बड़ोदिया से जीरा के सेंपल फेल हुए। जिनको आगामी कार्रवाई के लिए भेजा गया है।
इंप्रुमेंट नोटिस जारी किए
गत दिनों खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने शहर में खाद्य दुकानों का निरीक्षण किया था। इस दौरान दुकान संचालकों को साफ-सफाई बरतने, साफ पानी रखने, खाद्य सामग्री को ढंककर रखने, पीने का पानी और हाथ धोने का पानी अलग रखने सहित अन्य समझाईश दी थी। निरीक्षण के दौरान चार प्रतिष्ठानों में अव्यवस्थाएं पाई गई थी। जिन्हें इम्प्रुमेंट नोटिस विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। नोटिस के बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं किया गया तो आगामी दिनों में कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे करें मिलावट की जांच
देसी घी या मक्खन में मिलावट : देसी घी या मक्खन में आमतौर पर चर्बी या वनस्पति घी की मिलावट की जाती है जो स्वास्थ्य संबंधी अनेक विकारों को जन्म देती है। देसी घी में मिलावट की जांच करने के लिए १० सीसी हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा एक चम्मच चीनी मिलाएं और इस मिश्रण में १० सीसी देसी घी या मक्खन मिलाएं। इसे अच्छी तरह हिलाएं। यदि इस मिश्रण का रंग लाल हो जाता है तो देसी घी या मक्खन मिलावटी है यदि मिश्रण का रंग नहीं बदलता तो यह एकदम शुद्ध है।
मावा में मिलावट : दूध को गाढ़ा करके मावा बनता है इसलिए इसको जांचने के लिए दूध वाले उपाय ही किए जा सकते हैं। आमतौर पर मावा का भार बढ़ाने के लिए स्टार्च की मिलावट की जाती है। मावा में स्टार्च की उपस्थिति को जांचने के लिए इसकी थोड़ी मात्रा में पानी मिलाकर इस मिश्रण को उबालें। फिर इसमें आयोडीन की कुछ बूंदे डालें। यदि नीले रंगे की परत दिखे तो साफ है कि उसमें स्टार्च मौजूद हैं।
खाने के तेल में मिलावट : खाने के तेल में सामान्यत: आर्जीमोन की मिलावट की जाती है जो पेट के लिए काफी हानिकारक होता है। इसको जांचने के लिए तेल के नमूने में गाड़ा यानी सांद्र नाइट्रिक एसिड मिलाकर मिश्रण को खूब हिलाएं। थोड़ी देर बाद मिश्रण में अगर लाल-भूरे रंग की परत दिखाई दे तो यह आर्जीमोन की मौजूदगी का संकेत हैं।
इनका कहना
३६ सेंपल में से १४ सेंपल फेल हुए हैं, जिनका प्रकरण न्यायालय में जाएगा। हमारे द्वारा लगातार निरीक्षण कर जांच की जाती है। संदिग्ध वस्तू का सेंपल ले लिया जाता है। जिसे जांच के लिए भोपाल भेजते हैं।
- आरके काम्बले, इंस्पेक्टर खाद्य एवं औषधी सुरक्षा विभाग
Published on:
08 Aug 2018 09:27 pm
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