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शाजापुर. शहर में आदिवासी युवती की खरीद-फरोख्त का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बैतूल जिले के ग्राम किल्लोद निवासी युवती को एक महिला ने 55 हजार रुपए में शाजापुर के ग्राम भरड़ निवासी युवक को बेच दिया था। लगातार सर्चिंग के बाद मानव तस्करी की दिशा में काम कर रहे एनजीओ ने युवती को तलाश लिया। इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी। कोतवाली पुलिस ने ग्राम भरड़ से युवती को बरामद कर लिया। वहीं युवती को खरीदने वाले युवक को भी पकड़ लिया है। मामला मानव तस्करी का होने के चलते पुलिस सावधानी रखते हुए जांच कर रही है।
युवती ने बताई आपबीती
बैतूल के आमला थाने के ग्राम किल्लोद निवासी अत्यंत गरीब परिवार की गौंड आदिवासी समाज की 24 वर्षीय युवती ने बताया कि 8 माह पहले गांव में रजनी नाम की महिला पहुंची और उसने युवती व उसके परिजनों को बाहर अच्छा काम दिलाने के लिए भरोसा दिलाया। इस पर रजनी के साथ युवती उसकी मां और उसका भाई पुणे चले गए। पुणे में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में रजनी ने तीनों को मजदूरी के काम पर लगा दिया। यहां कुछ दिन बाद तीनों ने रजनी से कहा कि ये काम तो वो मप्र में भी कर सकते हैं। इस पर रजनी ने सबसे पहले युवती को अच्छा काम दिलाने का कहकर साथ ले गई। रजनी ने युवती को पुणे में ही चॉकलेट फैक्ट्री में काम दिलवा दिया और उसके परिजनों 10-15 दिन तक मोबाइल पर बात भी कराई।
परिजनों से बात कराना की बंद
इसके बाद रजनी ने उसकी बात परिजनों से कराना बंद कर दिया और उसे लेकर भोपाल के मंडीदीप पहुंच गई। यहां उसे एक कमरे में बंद करके रखा और हर दिन किसी ने किसी को युवती को बेचने के लिए दिखाने लाती। यहां से फिर उसे शाजापुर लाया गया और एक होटल/लॉज में रखा। यहां पर भी लोगों को युवती को बेचने के लिए दिखाया जाता।
55 हजार में बेच दिया रवि को
रजनी ने यहां पर युवती को देखने आए ग्राम भरड़ के निवासी रवि (25) पिता रमेश बामने को 55 हजार रुपए में बेच दिया। युवती ने बताया कि वो पढ़-लिख नहीं सकती। ऐसे में किसी वकील से रवि ने नोटरी कराकर उस पर युवती का अंगूठा लगवा लिया गया। युवती ने बताया कि यहां से रवि उसे अपने गांव ले गया और एक कमरे में बंद कर दिया। युवती ने रवि पर आरोप लगाते हुए बताया कि वह उससे मारपीट करता था। कई बार उसने भागने का भी प्रयास किया, लेकिन वो सफल नहीं हो पाई।
लगातार प्रयास से मिली सफलता
जनसाहस एनजीओ के राठौर ने बताया कि युवती को तलाशने के लिए उन्होंने ग्रामीणों से संपर्क किया। इसके बाद एक-एक करके कड़ी को जोड़ते हुए उन्हें पता चला की युवती शाजापुर क्षेत्र में कहीं पर है। शाजापुर आकर जब तलाश किया तो ग्राम भरड़ में युवती के होने का पता चला। इस पर एनजीओ ने युवती के माता-पिता को बुलवा लिया और बैतूल के आमला थाने पर की गई शिकायतें बताते हुए युवती का पता बताया। इसके बाद कोतवाली पुलिस ने ग्राम भरड़ पहुंचकर रवि के चंगुल से युवती को मुक्त करा लिया।
परिजनों ने दी एनजीओ को जानकारी
युवती की तलाश कर उसे बरामद कराने में मुख्य भूमिका निभाई देवास के जनसाहस एनजीओ के करण राठौर, संगीता परमार, जयपाल देवाड़ा और सीएस परमार ने। करण राठौर ने बताया कि वो किसी कार्यक्रम में बैतूल गए थे। यहां पर बैतूल एसपी कार्यालय के बाहर युवती के परिजन बेटी की गुम होने संबंधी शिकायती आवेदन लेकर पहुंचे थे। यहीं पर राठौर और उनके साथियों ने युवती के परिजनों से पूरे मामले की जानकारी ली। परिजनों ने बताया कि उन्होंने आमला थाने पर बेटी की गुमशुदगी के करीब 5-6 आवेदन दे दिए हैं। एनजीओ के सदस्यों ने बैतूल एसपी से भी मुलाकात की। बैतूल एसपी ने एनजीओ को युवती को तलाशने में मदद करने को कहा।
अधिकारियों को बताई पूरी बात
मामला ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जुड़ा होने पर एएसपी ज्योति ठाकुर, निर्भया प्रभारी लीला सोलंकी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने युवती से चर्चा की। अधिकारियों ने जब युवती के साथ काउंसलिंग को उसने अपने साथ हुए पूरे घटनाक्रम को बताया। युवती ने कहा कि रवि उसके साथ मारपीट करता है और अब वो अपने माता-पिता के साथ जाना चाहती है। इस मामले में एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान ने बैतूल एसपी से फोन पर चर्चा कर पूरी जानकारी भी ली। पुलिस ने युवती का मेडिकल भी कराया। समाचार लिखे जाने तक कोतवाली में इस मामले की कार्रवाई जारी थी और रवि को पुलिस ने हिरासत में लिया हुआ है।
" युवती को बरामद कर लिया है। उसके बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में एक आरोपी को भी पकड़ा है। "
- ज्योति ठाकुर, एएसपी, शाजापुर
Published on:
10 Jan 2018 11:59 am
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