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कालापीपल. बड़े शहरों में खिलाडिय़ों को आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिलता है, लेकिन छोटे शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं का भी अभाव रहता है। इसके बाद भी जिसमें जीतने का का जज्बा और कुछ कर गुजरने की प्रतिभा होती है तो उनका रास्ता कोई नहीं रोक सकता। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है जिले के कालापीपल विधानसभा में रहने वाली यशी शर्मा ने। वालीबॉल में लगातार 10 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होकर 5 बाद बतौर कप्तान प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए 5 बार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब अपने नाम कर चुकी यशी ने पूरे देश में कालापीपल और शाजापुर का मान बढ़ाया है।
जिले के कालापीपल जैसे छोटे से नगर के अनेक होनहार पढ़ाई से लेकर खेल प्रतियोगिताओं में नाम रोशन रहे है। इन्हीं में सबसे पहला नाम सामने आता है नगर के गल्ला व्यापारी दिनेश शर्मा की 18 वर्षीय पुत्री यशी शर्मा का। वालीबॉल की प्रतियोगिता में लगातार 10 बार शामिल होकर यशी ने कालापीपल को एक अलग ही पहचान दिला दी है। यशी के कोच सहित प्रदेश की सभी टीमों के कोच यशी की खेल प्रतिभा के मुरीद हो चुके है। जिले का मान बढ़ाने वाली यशी ने 5 बार तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की टीम का नेतृत्व करते हुए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी अपने नाम किया है। उसका सपना राष्ट्रीय टीम में शामिल होकर देश का मान बढ़ाने की है।
तीसरी कक्षा से शुरू किया था खेलना
यशी शर्मा अपनी मेहनत लगन और खेल के प्रति जुनून के बल पर राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है। यशी उज्जैन संभाग की इकलौती ऐसी खिलाड़ी है जिसने इतनी कम उम्र में बीते 9 साल में 10 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया है। तीसरी कक्षा में पड़ते हुए सात वर्ष की उम्र में वालीबॉल के प्रति इस खिलाड़ी का रुझान हुआ। सिर्फ दो वर्ष में अपनी मेहनत के दम पर पहली बार पांचवी कक्षा में पढ़ाई के समय 2010 में कोलकाता से राष्ट्रीय प्रतियोगिता के सफर की शुरुआत हुई। इसके बाद यशी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तक यशी 2 बार कोलकत्ता, जम्मू कश्मीर, 2 बार आंध्र प्रदेश, भोपाल, उत्तर प्रदेश, चैन्नई, राजस्थान और बिहार में अपने खेल का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया है।
सीएम कप का खिताब हासिल किया
यशी सीएम कप में भाग लेते हुए विजेता का खिताब भी हासिल कर चुकी है। यशी जब 10वीं कक्षा में पढ़ रही थी उस समय चैन्नई व आंध्रप्रदेश में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने जाना था। खेल के साथ-साथ यशी ने पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दिया। इसी की वजह से 10वीं में यशी ने 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। यशी ने 5 बार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का खिताब जीता।
स्मैश और फ्लोटिंग सर्विस जबर्दस्त
यशी के कोच श्रीकांत यादव ने बताया वह उसे पिछले 9 साल से ट्रेनिंग दे रहे हैं। यशि का खेल के प्रति जुनून इतना है कि वह कभी अपनी प्रैक्टिस नहीं रोकती है। यशी की स्मैश और फ्लोटिंग सर्विस काबिले तारीफ है। मध्य प्रदेश के सभी कोच यशी के खेल की तारीफ करते है। यशी ने बताया उसके पिता दिनेश शर्मा, मां ऋतु शर्मा, दादा घनश्यामदास शर्मा, दादी उर्मिला शर्मा उसे हमेशा आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करते है। उसकी सफलता में उनका विशेष योगदान है।
छोटी बहन और भाई भी कर रहे नाम रोशन
यशी ही नहीं उसकी छोटी बहन खुशी शर्मा भी इस खेल में आगे बढ़ रही हैं। खुशी कक्षा 9वीं में है। वो भी 5 बार प्रदेश और एक बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेल चुकी है। वही यशी का छोटा भाई महादेव शर्मा वालीबॉल में ही संभाग स्तर तक प्रदर्शन कर चुका है। साथ ही स्काउट में राष्ट्रीय स्तर पर और तबला वादन में भी आगे बढ़ रहा है।
Updated on:
29 Aug 2018 11:33 am
Published on:
29 Aug 2018 07:50 am
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