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VIDEO: जाने क्यों देश के इस हिस्से में 5 नहीं 6 जून को मनाई गई ईद, मौलाना ने इस्लाम से जुड़ी बड़ी वजह बताई

देश में एक ऐसी जगह जहां 6 जून को मनाई गई ईद मदरसा संचालक ने बताई बड़ी वजह 'चांद देखो रमजान मनाओ और चांद देखो ईद मनाओ'

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जाने क्यों देश के इस हिस्से में 5 नहीं 6 जून को मनाई गई ईद, मौलाना ने इस्लाम से जुड़ी बड़ी वजह बताई

शामली। दुनिया के अधिकांश देशों के साथ ही भारत में भी पांच जून को ईद का त्योहार मनाया गया, लेकिन भारत के ही एक छोटे से हिस्से में ईद पांच जून को नहीं बल्कि 6 जून को मनाई गई। लेकिन इसके पीछे एक बड़ी वजह सामने आई है। जी हां उत्तर प्रदेश के शामली जिले के जलालाबाद कस्बे के 40 फीसदी लोगों ने बुधवार पांच जून को नहीं बल्कि बृहस्पतिवार को ईद मनाई।

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शामली का कस्बा जलालाबाद उस समय चर्चा में आ गया जब भारत में बुधवार को मनाई जाने वाली ईद न मनाकर कस्बे के 40 फ़ीसदी लोगों ने बृहस्पतिवार को ईद की नमाज पढ़कर ईद मनाई। इस मामले में मदरसा मिफ्ता उल उलूम के संचालक मौहम्मद हफीउल्ला खान ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल केरल को लेकर है। जब केरल भारत का हिस्सा है और वहां भी पूरे देश के समान संविधान लागू होता है तो फिर केरल राज्य सउदी अरब के साथ एक दिन पहले ईद क्यों मनाता है।

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बुधवार मनाई गई ईद को लेकर उन्होंने कहा कि यदि मौसम खराब होने के कारण चांद नहीं दिख पाया तो ईद का त्योहार अगले दिन मनाया जा सकता है। लेकिन मंगलवार को अमावस के कारण चांद नहीं दिखा। मंगलवार को मौसम साफ था बावजूद इसके चांद नहीं दिखाई दिया। फिर हम लोग कैसे ईद मनाते। कुरान में स्पष्ट किया गया है कि चांद देखो रमजान मनाओ और चांद देखो ईद मनाओ। इस दौरान कस्बे की जुमा मस्जिद व मरदसे में लोगों ने ईद की नमाज अदा की और एक दूसरे को बधाई दी।

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