
Doctor fake encounter statement in Shamli: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के चिकित्साधीक्षक डॉ. दीपक कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। वीडियो में डॉक्टर ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि पुलिस मुलजिम को 20 गोली मारकर लाती है, लेकिन रिकॉर्ड में केवल एक गोली दर्ज कराई जाती है। इस बयान ने पूरे पुलिस महकमे में हलचल मचा दी और मामला सुर्खियों में आ गया।
दरअसल, बीते दिनों डॉ. दीपक कुमार के कैंप कार्यालय से करीब साढ़े पांच लाख रुपये की चोरी हुई थी। इस चोरी का खुलासा न होने पर उन्होंने बुधवार को पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ धरना प्रदर्शन के दौरान उनका गुस्सा इस कदर भड़क गया कि उन्होंने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ों के आरोप जड़ दिए। कैमरे में कैद हुए इस बयान में उन्होंने कहा- “पुलिस खुद मुलजिम को 20 गोली मारकर लाती है, लेकिन एसपी और सीओ खड़े होकर जबरदस्ती रिपोर्ट में एक गोली लिखवाते हैं।” यह बयान सामने आते ही जिले में सनसनी फैल गई और सोशल मीडिया पर वीडियो आग की तरह फैल गया।
वीडियो के वायरल होते ही डॉ. दीपक कुमार ने एक नया बयान जारी कर अपने ही शब्दों से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि “यह वीडियो फेक है, किसी ने अनजाने में मेरी रिकॉर्डिंग कर ली थी। मैं 2025 के किसी भी एनकाउंटर के पोस्टमार्टम में शामिल नहीं रहा हूं।” डॉक्टर ने अपने हार्ट, लिवर और दिमागी तनाव का हवाला देते हुए कहा कि उनसे दबाव या भ्रम की स्थिति में बयान दिलवाया गया, जिसका वह खंडन करते हैं। डॉक्टर के इस यू-टर्न के बाद लोगों में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
शामली पुलिस ने इस पूरे विवाद पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस नोट जारी किया। पुलिस के अनुसार, डॉ. दीपक चौधरी के कैंप कार्यालय से 21 अक्टूबर को साढ़े पांच लाख रुपये की चोरी का मामला दर्ज हुआ था। जांच के दौरान बताए गए तीन संदिग्धों नीशू, सौरभ और सलमान से पूछताछ की गई, लेकिन अब तक चोरी में उनकी संलिप्तता साबित नहीं हुई है।
पुलिस ने बताया कि सीओ नगर के नेतृत्व में कैराना, झिंझाना, कोतवाली, स्वॉट और सर्विलांस टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि वर्ष 2025 में हुए किसी भी पुलिस एनकाउंटर के पोस्टमार्टम में डॉ. दीपक चौधरी शामिल नहीं रहे हैं। इसलिए उनके फर्जी एनकाउंटर संबंधी आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।
हालांकि डॉक्टर ने सफाई देकर मामला शांत करने की कोशिश की, लेकिन सोशल मीडिया पर यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। कुछ यूजर्स डॉक्टर के बयान को सिस्टम की अंदरूनी सच्चाई बता रहे हैं, तो कुछ इसे डैमेज कंट्रोल का नाटक कह रहे हैं।
फिलहाल, पुलिस ने जांच जारी रखी है और दावा किया है कि चोरी का खुलासा जल्द किया जाएगा। लेकिन इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर पुलिस और डॉक्टरों के बीच भरोसे की खाई को उजागर कर दिया है।
Updated on:
30 Oct 2025 02:34 pm
Published on:
30 Oct 2025 12:40 pm
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