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Kanwar Yatra: माता-पिता को कांवड़ में बैठकर ले जा रहे कलयुग के ‘श्रवण कुमार’ की जमकर हो रही तारीफ, देखें वीडियो

खबर की मुख्य बातें- -हरियाणा के पानीपत निवासी पप्पन और सतेंद्र अपने माता-पिता को कांवड़ में बैठाकर अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं -पप्पन और सतेंद्र समाज के उन लोगों को संदेश देना चाह रहे हैं जो अपने माता पिता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं -इन दोनों कांवड़ियों को देखने को भीड़ जुट जाती है

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शामली। सतयुग के श्रवण कुमार की कहानी आपने किताबों में पढ़ी और अपने परिजनों से सुनी होगी। लेकिन आज हम आपको कलयुग के एक नहीं बल्कि दो श्रवण कुमारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने माता-पिता को सावन के इस पावन महीने में हरिद्वार से गंगा में स्नान कराने के बाद कांवड़ में पवित्र गंगाजल के साथ उन्हें बैठाकर ला रहे हैं।

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दरअसल, हरियाणा के पानीपत निवासी कांवड़ियें पप्पन और सतेंद्र सगे भाई हैं। ये दोनों अपने माता-पिता को गंगा स्नान कराने के बाद कावड़ में बैठाकर अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं। कावड़ में माता-पिता को बैठाकर ले जा रहे कलयुग के ये श्रवण कुमार समाज के उन लोगों को संदेश देना चाह रहे हैं जो अपने माता पिता के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं करते रहते हैं।

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बता दें कि शामली जनपद के पड़ोसी राज्य हरियाणा के पानीपत निवासी पप्पन और सतेंद्र प्रतिवर्ष हरिद्वार से कांवड़ में पवित्र गंगाजल के साथ में अपने माता-पिता को भी कांवड़ में बैठाकर लाते हैं। पप्पन और सतेंद्र की इस जोड़ी ने कलयुग में सतयुग के श्रवण कुमार की याद को ताजा कर दिया है। जो अपने नेत्रहीन मां-बाप की आंखों का तारा था। वहीं पप्पन और सतेंद्र जहां-जहां से होकर गुजर रहे हैं वहां इन्हें देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती है।