
एलएन शर्मा @ श्योपुर।
अक्सर देखा जाता है कि नाग-नागिन के जोड़े में से यदि नाग को मार दिया तो नागिन बदला लेने के लिए पीछा करते हुए घर आ जाती है। जबकि नागिन को मार दे तो नाग भी पीछा करते हुए घर आ जाता है। ऐसा यूं नहीं आता,बल्कि ऐसा होने का वैज्ञानिक कारण भी है। इस दौरान हम थोड़ी सी समझदारी दिखाए तो बदला लेने के लिए हमारा पीछा करते हुए न तो नाग घर पर आएगा और न ही नागिन आएगी।
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नाग नागिन की कई कहानियां हमने सुनी है और सभी में यही सुना है कि नाग नागिन अगर अपने साथी की मौत का बदला लेने पर आमदा हो जाए तो फिर दुनिया की कोई भी ताकत उसे बचा नहीं सकती। मगर हम आपको वो जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे आप अपनी या अपनों की जान बचा सकते हैं।
नाग नागिन के बदले के पीछे छिपा है ये वैज्ञानिक कारण
वन विभाग के डीएफओ सीएस निनामा ने बताया कि बारिश का मौसम नाग-नागिन के प्रजनन काल का समय रहता है। इस दौरान नाग-नागिन के आपस में लिपटे रहने से इनके बीच फेरामोन नामक एक ऐसा रासायनिक पदार्थ बनता है,जिसकी गंद से दोनों नाग-नागिन एक दूसरे के पास खींचे चले आते है। इस अवधि के दौरान यदि कोई नाग को मार दें तो नागिन फेरामोन रासायनिक पदार्थ की गंद से नाग को मारने वाले व्यक्ति के पास पहुंच जाती है।
वहीं नागिन को मारने पर नाग भी इसी पदार्थ की गंद के कारण खिंचा हुआ मारने वाले व्यक्ति के पीछे आ जाता है। क्योंकि नाग या नागिन को मारने के दौरान इनके बीच बनने वाला फेरामोन रासायनिक पदार्थ,उस लाठी या डंडे में भी लग जाता है जिससे नाग या नागिन को मारा गया। मारने वाले व्यक्ति जूते आदि में भी यह पदार्थ लग जाता है। इसके बाद उस लाठी या जूतों को घर में कहीं भी रख दो,वहां नाग या नागिन सूंघते हुए पहुंच ही जाते है।
जोड़े में से कोई एक मर जाए तो तुरंत यह करें
वन मंडलाधिकारी सीएस निनामा ने बताया कि पहली दफा तो नाग-नागिन के जोड़े में से किसी को मारे ही नहीं। क्योंकि ये वेवजह किसी को काटते भी नहीं है। यदि गलती से नाग-नागिन के जोड़े में से कोई एक मर जाए तो सबसे पहले मरने वाले नाग या नागिन को जला दे और उसी के साथ ही उस डंडे या लाठी को भी जला दें,जिससे उसे मारा गया है। इसके बाद उन जूतो और कपड़ों को भी अच्छे से रगड़कर धोले,जिनको नाग-नागिन को मारते समय पहन रखा था। ऐसा करने पर फेरामोन की रासायनिक पदार्थकी गंद नाग या नागिन के पास नहीं पहुंचेगी तो वे पीछा करते हुए भी घर नहीं आएंगे।
Published on:
25 Sept 2017 04:30 pm
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