गत 23 मई को मतगणना के बाद चुनावी सीजन खत्म हुआ तो प्रदेश भर में किसी भी प्रकार की बिजली कटौती पर लगा अंकुश भी अप्रत्यक्ष रूप से हट गया। यही वजह है कि जिले में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक बिजली गुल होने का सिलसिला शुरू हो गया है। यही वजह है कि भीषण गर्मी के बीच गत 25 मई को जहां सोंई कला फीडर पर दो घंटे की कटौती हुई तो वहीं बगडुआ फीडर से सात घंटे की बिजली सप्लाई बाधित रही। इससे क्षेत्र के तीन दर्जन गांवों की बत्ती गुल रही। गत 27 मई को विजयपुर क्षेत्र के 35 गांवों में पांच घंटे तक बिजली गुल रही। वहीं बुधवार को श्योपुर शहर में ही पाली रोड सबस्टेशन से लगभग चार घंटे बिजली बंद रही।
इससे लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि मेंटेनेंस के नाम पर कई घंटों की कटौती भीषण गर्मी में भारी पड़ रही है। भरी दुपहरी में कटौती करने का कोई औचित्य नहीं है। उपभोक्ताओं का कहना है कि मेंटेनेंस के लिए यदि कटौती करनी भी पड़े तो ऐसे समय की जाए, जब गर्मी का असर थोड़ा कम हो। वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनी के अफसर इस कटौती को मेंटेनेंस के लिए आवश्यक बता रहे हैं।
बार-बार ट्रिप कर रही लाइनें
जहां एक ओर मेंटेनेेंस के नाम पर बीते चार दिनों से अलग-अलग इलाकों में घंटों कटौती का सिलसिला चल रहा है, वहीं दूसरी ओर कई इलाकों में बार-बार सप्लाई में आ रही ट्रिपिंग भी परेशानी का सबब बनी हुई है। शहर के कई इलाकों के साथ ही ग्रामीण इलाकों में लाइन ट्रिपिंग की समस्या बरकरार है।
मेंटेनेंस भी जरूरी है
मानसून पूर्व मेंटेनेंस करना भी जरूरी है, ताकि बारिश में दिक्कतें न आए। इसके लिए सप्लाई बंद करनी पड़ती है, जिसके लिए हम पूर्व सूचना देते हैं और अनाउंस करवाते हैं। इसके साथ ही गोपालपुरा में बन रहे 220केवीए के विद्युत स्टेशन की लाइन कार्य के चलते भी संबंधित क्षेत्रों में सप्लाई बंद करनी पड़ती है।
आरपी बिसारिया
महाप्रबंधक, बिजली कंपनी श्योपुर