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Kuno National Park: मानसून के बाद शिफ्ट होंगे चीतें ! 4 बार कूनो की सीमा से बाहर जा चुका है पवन

-गांधीसागर या मुकुंदरा में शिफ्टिंग संभव-मानसून तक टली चीतों की शिफ्टिंग, फैसला सितंबर में

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Kuno National Park

श्योपुर। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों को शिफ्ट करने की संभावना फिलहाल टल गई है। अब मानसून के बाद ही संभावना तलाशी जाएगी। दरअसल, पिछले दिनों कूनो का दौरा करने के बाद लौटी विशेषज्ञों की टीम ने एनटीसीए को रिपोर्ट दी है। इसमें कहा गया है कि सितंबर में प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाएगी। इसके आधार पर ही चीतों को कूनो से नई बसाहट में भेजने का निर्णय लिया जाएगा। एनटीसीए ने कहा है कि सितंबर में मानसून सीजन खत्म होने के बाद स्थितियों का आकलन किया जाएगा। इसके आधार पर चीतों को नई बसाहट के लिए गांधीसागर और अन्य क्षेत्रों में भेजा जा सकता है।

पीसीसीएफ ने की थी मांग

पहले मादा चीता साशा की मौत और फिर नर चीता पवन के चार बार कूनो की सीमा से निकलने के बाद मध्यप्रदेश वन विभाग के पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जसवीर सिंह चौहान ने पिछले एनटीसीए को पत्र लिखकर कुछ चीतों को शिफ्ट करने की मांग रखी थी। पत्र का कोई जवाब नहीं आया। अब एनटीसीए ने सितंबर में आकलन की बात कही है। शिफ्टिंग मध्यप्रदेश के गांधीसागर या राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क में होनी है।

चीतों की मौत की वजह का पता चला

मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में इन दिनों चीतों पर बड़ा काम चल रहा है। यहां के नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ सेंटर में चीते की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। पहली बार नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से आए हुए चीतों की मौत के बाद उनका विसरा जांच के लिए इस सेंटर में लाया गया हैं। अभी तक मृत तीनों चीतों की मौत की प्रारंभिक वजह का पता लगा लिया गया है। पहले चीते साशा की मौत कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम के फेल हो जाने की वजह से हुई थी। दूसरे चीते उदय की मौत के बाद आए सैंपल्स की भी विस्तृत जांच की है। जांच के बाद यह पाया है कि उदय की मौत मिक्स्ड इंफेक्शन से हुई थी।

विदेश से लाए गए 20 चीते

बता दें कि मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर में अब तक कुल 20 चीते लाए जा चुके हैं। पहली खेप में नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे और फिर दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए. पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उनके हाथों नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो में छुड़वाया गया था। उसके बाद इसी साल 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते यहां छोड़े गए। इनमें से 3 चीतों की मौत हो चुकी है औऱ 3 शावक पैदा भी हुए।


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